घोघड़, चम्बा, 17 मार्च : जनजातीय क्षेत्र भरमौर में आज सायं आगजनी की घटना में एक घर पूरी तरह जल गया व एक अन्य घर को भी आँशिक नुकसान हुआ है।उपमंडल की ग्राम पंचायत चोबिया के पटौड़ी गांव में रविंद्र, दर्शन, विजय व करनैल सिंह का तीन मंजिला घर आज सायं करीब साढे पांच बजे आग की चपेट में आ गया। घर से आग की लपटें उठती देख पड़ोसियों ने सहायता को लिए शोर मचाना आरम्भ कर दिया।
ग्राम पंचायत चोबिया की प्रधान कुमारी बाला ने बताया कि लकड़ी के स्लेटपोश इस भवन के साथ-साथ अन्य भवनों को भी आग का खतरा बना हुआ था ग्रामीणों ने पूरी क्षमता आग बुझाने का प्रयास किया लेकिन आग बुझाने के लिए न तो पर्याप्त पानी था व न ही साधन जिस कारण जिस कारण आग ने पूरे घर को जलाकर राख कर दिया । उन्होंने कहा कि आग की लपटों से प्रकाश चंद नामक व्यक्ति के भवन की खिड़किया भी आग से झुलस गई हैं। पंचायत प्रधान ने मांग की है कि अग्निशमन वाहन को गांवों के घनत्व के अनुसार उनके आसपास तैनैत किया जाना चाहिए ताकि आपात स्थिति में इनका समय पर उपयोग किया जा सके।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार आग लगते ही अग्निशमन सेवा को कॉल किया गया था परंतु अग्निशमन केंद्र घटनास्थल से करीब 24 किमी दूर होने के कारण यह सेवा डेढ घंटे बाद पहुंची तब तक घर पूरी तरह जल चुका था। घर से कुछ भी बाहर नहीं निकाला जा सका है। चारों भाइयों व परिवार का सारा सामान इसी घर में था। परिवार के बड़े लोग किसी रिश्तेदार के यहां समारोह में भाग लेने गए थे। उनका कहना है कि अग्निशमन के वाहन घनी आबादी से दूर होने के कारण घटना स्थल तक पहुंचने में इतनी देरी हो जाती है कि तब तक सबकुछ भस्म हो चुका होता है। ग्रामीणों ने मांग की है कि अग्निशमन के कम से कम एक वाहन को भरमौर मुख्यालय के आस पास तैनात किया जाना चाहिए ताकि इस घनी आबादी वाले क्षेत्र में आगजनी की घटना के समय कहीं भी समय पर पहुंचा जा सके।
तहसीलदार तेज राम ने मौके पर पहुंच कर घटना से हुए नुकसान का जायजा लिया व प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की व्यवस्था में जुटे हुए हैं। तहसीलदार ने कहा कि आगजनी के कारण 12 कमरों का तीन मंजिला घर पूरी जल गया है जिससे करीब 25 लाख रुपयें की सम्पत्ति का नुकसान होने का आकलन है। उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवारों को 25 हजार रुपये की फौरी राहत प्रदान कर दी गई है। प्रभावित परिवारों को आश्रय के लिए स्थानीय लोगों ने अपने हाथ बढ़ाए हैं।
घटना में कुछ भी शेष न बचने के कारण प्रभावित परिवारों को रात भी पड़ोसी व रिश्तेदारों के यहां गुजारनी पड़ेगी।