घोघड़, चम्बा 19 नवम्बर : बीती रात भरमौर मुख्यालय में एक कार दुर्घ;टना में एक ही परिवार के तीन सदस्यों की जा’न चली गई। ग्राम पंचायत सचूईं के पूर्व उप प्रधान धर्म चंद के दो बेटे व एक बहु इस दुर्घ;टना में काल का ग्रास बन गए हैं। जबकि एक पोती घायल हो गई है। धर्म चंद के तीन पुत्र हैं जिनमें से दो की मृ;त्यु इस दुर्घटना में हो गई है। मृ;तक विजय कुमार व उसकी पत्नी तृप्ता देवी सबसे बड़े पुत्र व बहु थे, जबकि कमलेश कुमार सबसे छोटा बेटा था। धर्म चंद की पत्नी भी दो वर्ष पूर्व स्वर्ग सिधार चुकी है।
गरीमा गांव में रिश्तेदार के यहां धार्मिक समारोह से रात के समय लौट रहे इस परिवार की गाड़ी अपने गांव से चंद मीटर के फासले पर दुर्घ.टना का शिकार होकर करीब सौ मीटर नीचे एनएच 154ए पर जा गिरी। उस समय वाहन में पांच लोग सवार थे। जिसमें से विजय कुमार, उसकी पुत्री नंदनी व शिव कुमार पुत्र मान सिंह सचूईं गांव निवासी घायल हो गए थे।
विजय कुमार व तृप्ता की दो बेटियां व एक बेटा है। तीनों बच्चों में बड़ी बेटी स्नातक कर चुकी है तो छोटी बेटी स्नातक की पढ़ाई कर रही है सबसे छोटा लड़का चम्बा में जमा एक कक्षा में पढ़ रहा है। जबकि धर्म चंद के मृत’क छोटे बेटे का बड़ा पुत्र करीब पांच वर्ष का है व पुत्री करीब तीन वर्ष की है।
दुर्घ.टना में परिवार के तीन सदस्यों को खोने वाले धर्म चंद पर अब पोते-पोतियों के पालन पोषण की जिम्मेदारी भी आ गई है।
गौरतलब है कि विजय कुमार मत्सय पालन विभाग में कार्यरत था जबकि कमलेश कुमार राजमिस्त्री था। दोनों पुत्रों की मृ.त्यु से धर्म चंद तो सदमे में हैं ही विजय कुमार की पुत्रियों का रो-रो कर बुरा हाल है। बालिग होने के कारण वे पूरी स्थिति को समझ कर एक दूसरे को ढाढस बंधा रहे हैं परंतु कमलेश को मुखाग्नि देने वाले उसके पांच वर्ष के नादान पुत्र को अभी भी समझ नहीं आ रहा कि उसके पिता व ताया-तायी के साथ क्या हुआ है। मृ.त्यु क्या होती है कमलेश कुमार के बच्चों समझ नहीं आ रहा परंतु कुछ तो बहुत बुरा हुआ है ऐसा वे महसूस आवश्य कर रहे हैं।
प्रशासनिक सहायता के रूप में तहसीलदार भरमौर तेज सिंह ने नियमानुसार मृःतकों के आश्रितों को 25-25 हजार रुपये प्रत्येक को फौरी राहत के रूप में प्रदान किए हैं जबकि दोनों घायलों के स्वजनों को 5-5 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की है।
एक ही आँगन से उठी तीन अर्थियों का दृश्य हर किसी के लिए ह्रदय विदारक था। विजय कुमार व उसकी पत्नी का एक साथ अंतिम संस्कार हुआ जबकि विजय के छोटे भाई की चिता भी पास ही बनाई गई थी। दुर्घटना के शिकार हुए इस परिवार के सदस्यों की अंतिम संस्कार रस्में निभाने सैकड़ों लोग जुटे थे।