घोघड़ चम्बा 27 अगस्त : मणिमहेश यात्रा का जन्माष्टमी पर्व का स्नान समाप्त हो गया परंतु अंतिम चरण में यह यात्रियों के लिए भारी मुसीबत खड़ी कर गया। जन्माष्टमी पर्व की रात्रि क्षेत्र में भारी वर्षा हुई जिस कारण यात्रा मार्ग पर कीचड़ के कारण फिसलन तो बढ़ी ही, कुछ स्थानों पर क्षतिग्रस्त भी हो गया। जिससे यात्रियों के चलने की गति मंद पड़ गई । चुंकि इस वर्ष रिकॉर्ड श्रद्धालु जन्माष्टमी स्नान के लिए पहुंचे थे इसलिए रास्तों पर यात्रियों के जाम की स्थिति बन गई थी। दोनाली नामक स्थान पर नाला पार करने के लिए दोनों छोर पर सैकड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ एकत्रित हो गई कुछ श्रद्धालु मणिमहेश की ओर जा रहे थे तो कुछ वहां से लौट रहे थे ।
तंग पैदल मार्ग के कारण किसी प्रकार की दुर्घटना से बचने के लिए प्रशासन ने मणिमहेश की ओर जाने वाले श्रद्धालुओं को हड़सर में ही रोकने के निर्देश दिए ताकि मणिमहेश से लौटने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षित रास्ता व समय मिल सके। लौटने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ दोपहर 12 बजे तक कम होने लगी जिसके उपरांत हडसर में रोके गए श्रद्धालुओं को मणिमहेश जाने की अनुमति प्रदान की गई।इन चार घंटों में हड़सर में हजारों श्रद्धालु एकत्रित हो गए जो लगातार पुलिस पर यात्रा चालु करने का दबाव बनाए जा रहे थे।
अतिरिक्त जिला दंडादिकारी भरमौर कुलबीर सिंह राणा ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा हेतु कई बार सख्त निर्णय भी लेने पड़ते हैं इसलिए श्रद्धालुओं को सयंम से यात्रा करनी चाहिए । प्रशासन हर जान की रक्षा का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगले चरण में न्हौणठंडे मौसम में होने वाला है इसलिए सभी श्रद्धालुओं को मणिमहेश न्यास द्वारा जारी दिशा निर्देशों की पालना करना आवश्यक किया जाएगा। अगर कोई यात्री इन नियमों की अवहेलना करता है तो उन्हें बीच रास्ते से भी लौटाया जा सकता है।