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घोघड़, चम्बा (भरमौर) 16 नवम्बर : सरकार की योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने व आमजन की समस्याओं व आवश्यकताओं को सरकार तक पहुंचाने में एक मजबूत कड़ी के रूप में कार्यरत मीडिया कर्मी स्वयं को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। मीडिया के क्षेत्र में काम करना कभी आसान नहीं रहा। आज के दौर में तकनीक के कारण यह कुछ आसान भले हुआ हो परंतु जोखिम कई गुणा तक बढ़ चुका है। इसके अलावा भी कई चुनौतियां इस कार्य के निष्पादन में सामने आ रही हैं।

प्रदेश का पत्रकार संगठन ‘हिमाचल प्रदेश युनियन ऑफ जर्नलिस्ट’ वर्षों से पत्रकारों व मीडिया जगत की समस्याओं को सरकार के समक्ष उठाता रहा है परंतु सरकार संवेदनहीनता के कारण आज तक सभी सरकारें पत्रकारों के हितों को लेकर उदासीन रही हैं। पत्रकारों के प्रति सरकार के उदासीन रवैये को देखते हुए प्रदेश के पत्रकारों ने आज नेशनल प्रैस डे न मनाने का फैसला लिया है। हिप्र युनियन ऑफ जर्नलिस्ट के आह्वान पर जन -जातीय क्षेत्र भरमौर उपमंडल में सक्रिय पत्रकार संगठन मणिमहेश प्रैस क्लब भरमौर के पदाधिकारियों व सदस्यों ने पत्रकारों व मीडिया से सम्बंधित एक मांगपत्र का ज्ञापन मुख्यमंत्री हिप्र को भेजा है। मणिमहेश पत्रकार संघ ने प्रदेश सरकार से आशा की है कि वह उनकी मांगों को गम्भीरता से लेकर उन्हें पूरा करेगी।

हिमाचल प्रदेश यूनियन आफ जर्नलिस्ट के अनुसार वह हिमाचल प्रदेश में दो दशकों से पत्रकारों मीडिया जगत की समस्याएं उठाता रहा है लम्बे समय से पत्रकारों के हितों के लिए लड़ता रहा है और समय-समय पर अपनी मांगों के ज्ञापन पत्र सरकार के समक्ष रखे गए हैं लेकिन हिमाचल प्रदेश की सरकारें, समाज के प्रमुख वर्ग पत्रकारों के मुद्दों के प्रति संवेदनहीन होने के कारण कोई साकारात्मक परिणाम सामने नहीं आ पा रहे हैं इसलिए इस बार पत्रकार युनियन ने राष्ट्रीय प्रैस दिवस न मनाने का निर्णय लिया है ।

संगठन का कहना है कि दशकों से हम नेशनल प्रैस डे  मना रहे हैं लेकिन हिमाचल प्रदेश के पत्रकारों को वो सम्मान व समाजिक सुरक्षा नहीं मिली है जो की अन्य राज्यों में है । आज के ज्ञापन के माध्यम से हम अपना सूक्ष्म मांग पत्र तहसीलदार भरमौर के माध्यम से मुख्य मंत्री हिमाचल प्रदेश को भेज रहे हैं और आशा है की मुख्यमंत्री इसे अमलीजामा आवश्य पहनाएंगे।

1, प्रदेश के पड़ोसी राज्य पंजाब, हरियाणा व उत्तराखंड की तर्ज पर पैंशन का प्रावधान किया जाए।
2, पत्रकार कल्याण बोर्ड का गठन किया जाए।
3,एक उचित वैब पॉलिसी/डिजिटल मीडिया पॉलिसी का गठन किया जाए।
4, मान्यता प्राप्त/गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों का स्वास्थ्य बीमा किया जाए।
5, उपमंडल स्तर पर एक के बजाए दो तथा जिला स्तर पर तीन पत्रकारों को मान्यता दी जाए।
6, प्रैस एडवाइजरी कमेटी की बैठक छः माह में हो जिसमें पत्रकार संगठनों के पदाधिकारियों को शामिल किया जाए।
7, प्रैस क्लबों के बिजली बिल को घरेलु दरों के तहत वसूल किया जाए।
8,हर उपमंडल पर प्रैस क्लब भवनों का निर्माण तीन सालों में सुनिश्चित किया जाए ।

इस मौके पर मणिमहेश प्रैस क्लब के पदाधिकारी उपस्थित रहे।


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