घोघड़, शिमला, 24 मार्च : खाद्य सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए शहर एवं आसपास के छोटे बाजारों में खाद्य वस्तुओं की सैंपलिंग बढ़ाने का निर्णय लिया है। यह फैसला उपायुक्त अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में हुई जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक में लिया गया। बैठक में खाद्य सुरक्षा और मानकों को कड़ाई से लागू करने को लेकर कई अहम निर्णय लिए गए।
उपायुक्त अनुपम कश्यप ने बैठक में निर्देश दिए कि राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) के किनारे खाद्य एवं पेय पदार्थों की बिक्री पर विशेष नजर रखी जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे उत्पादों की बिक्री को रोका जाए, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इसके लिए सैंपलिंग की संख्या में बढ़ोतरी की जाएगी और बिना अनुमति के खाद्य वस्तुओं की बिक्री पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए उपायुक्त ने निर्देश दिए कि दूध, पनीर, मिठाई, फल और सब्जियों की नियमित जांच की जाए। उन्होंने संबंधित फील्ड स्टाफ को निर्देश दिए कि वे इन खाद्य पदार्थों के सैंपल लेकर तुरंत संबंधित विभाग को रिपोर्ट भेजें, ताकि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम-2006 के तहत आवश्यक कार्रवाई की जा सके।
बैठक में यह भी तय किया गया कि शिमला के होटलों, रिसॉर्ट्स और बड़े समारोहों के दौरान खाने की सैंपलिंग की जाएगी, ताकि भोजन की गुणवत्ता को सुनिश्चित किया जा सके। उपायुक्त ने कहा कि बड़े आयोजनों में फूड प्वाइजनिंग की संभावना अधिक होती है, इसलिए निगरानी को और कड़ा किया जाएगा।
शिमला शहर के साथ-साथ छोटे बाजारों में भी खाद्य वस्तुओं की जांच अभियान चलाया जाएगा। खासकर स्कूलों के आसपास स्थित दुकानों पर प्राथमिकता के आधार पर चेकिंग की जाएगी, ताकि बच्चों को खराब गुणवत्ता के खाद्य पदार्थों से बचाया जा सके।
उपायुक्त अनुपम कश्यप ने आम जनता से अपील की कि यदि उन्हें कहीं भी मिलावटी या खराब गुणवत्ता के खाद्य उत्पाद नजर आएं, तो वे तुरंत प्रशासन को इसकी सूचना दें। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा सभी की जिम्मेदारी है और इसके लिए जनता को भी जागरूक रहना होगा।
इस महत्वपूर्ण बैठक में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी ज्योति राणा, सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा धर्मेंद्र चौहान, डाइटिशियन अंजना शर्मा, न्यूट्रिशनल काउंसलर नीलमा शर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।