घोघड़, चम्बा 24 नवम्बर : उपमंडलीय आयुर्वेदिक अस्पताल भरमौर में इन दिनों विशेषज्ञ चिकित्सक की तैनाती से क्षेत्र के मरीजों के लिए प्राथमिकता बना हुआ है। जिसे भी इस अस्पताल के उपचार से लाभ मिल रहा है वह इसकी जानकारी अन्य मरीजों को दे रहे है जिससे अस्पताल में लगतार मरीजों की संख्या बढ़ रही है। लेकिन अब समस्या यह हो गई है मरीजों को उपचार व चिकित्सीय परामर्श तो अस्पताल से निशुल्क मिल रहा है परंतु उन्हें यहां से मिलने वाली निशुल्क दवाइयों का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है। चिकित्सकों द्वारा सुझाई दवाइयां अस्पताल में उपलब्ध न होनो के कारण मरीज बाजार से दवाइयां खरीदने को मजबूर हैं।
भरमौर उपमंडल मुख्यालय स्थित अस्पताल की सीढ़ियों पर चढ़ते हुए दायीं ओर एक बड़ा सा साईन बोर्ड दिखता है जिस पर अस्पताल में मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं की सूचि अंकित की गई है । इसी सूचि में लिखा गया है कि अस्पताल में निशुल्क दवाइयां उपलब्ध हैं। परंतु मरीज जब अस्पताल के औषधालय में पर्ची लेकर पहुंचते हैं तो उन्हें बताया जाता है कि उक्त दवाई खत्म हो चुकी है जब अस्पताल में सप्लाई आएगी तो दे दी जाएगी।
करीब दो माह से अस्पताल में दवाइयों की किल्लत चल रही है परंतु सरकार की ओर से अभी तक यहां दवाइयां नहीं पहुंचाई गई हैं। मरीजों का कहना है कि आयुर्वैदिक दवाइयां एलोपैथी पद्धति की दवाइयों की अपेक्षा अधिक महंगी हैं जिस कारण इस जनजातीय क्षेत्र के गरीब लोग इन्हें खरीदने में परहेज करते हैं। लोगों ने सरकार से मांग की है कि वे इस अस्पताल को जल्द दवाइयां भेजे ताकि गरीब लोगों को निशुल्क उपचार मिल सके।
इस संदर्भ में अस्पताल में उपमंडलीय आयुर्वैदिक स्वास्थ्य अधिकारी से मामले की जानकारी ली तो पता चला कि इस अस्पताल के एसडीएएमओ जिला से बाहर किसी दूसरे अस्पताल में प्रतिनियुक्ति पर सेवाएं दे रही हैं। उनके स्थान कार्यकारी एसडीएएमओ सुखविंद्र सिंह ने बताया कि इस अस्पताल में शल्य चिकित्सक की तैनाती के उपरांत दैनिक ओपीडी दोगुनी बढ़ गई है। ओपीडी के आधार पर अस्पताल को पहले जारी की गई दवाइयां अब कम पड़ गई हैं। अस्पताल से दवाइयों की डिमांड भी भेजी उच्च कार्यालय को भेजी जा चुकी है। उन्होंने आशा जताते हुए कहा कि कुछ दिनों में दवाइयों की खेप अस्पताल पहुंच जाने का सम्भावना है।
डॉ सुखविंदर सिंह ने कहा कि अस्पताल में बवासीर,भगंदर, फिस्टूला के सफल ऑप्रेशन, माईग्रेन व अन्य गम्भीर रोगों से ग्रस्त कई मरीजों को स्वास्थ्य लाभ मिलने के बाद इस आयुर्वैदिक अस्पताल में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्र के लोगों को आयुर्वैदिक पद्धति से स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने के लिए अस्पताल व इसके अंतर्गत आने वाले सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात स्टाफ दिन रात सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
स्वास्थ्य अधिकारी भले ही सौ सच कह रहे हों लेकिन अस्पताल में दवाइयों का भारी कमी है यह भी एक सच है।