घोघड़, चम्बा 23 नवम्बर : लड़कियों के खिलाफ अपराधिक घटनाओं के समाचार हर रोज पढ़ने व देखने को मिल जाते हैं। लड़कियों के साथ घट रही इन अपराधिक घटनाओं से निपटने के लिए कई कड़े कानून होने के बावजूद अब तक कोई तरकीब कारगर सिद्ध नहीं हो रही है।
केंद्र सरकार ने लड़कियों की सुरक्षा के लिए संवेदनशीलता दिखाते हुए 22 जनवरी 2015 को बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ अभियान आरम्भ किया था। दस वर्षों चल रहे इस अभियान के अंतर्गत देश में लड़कों को अनुपात में घटती लड़कियों की संख्या को बढ़ाने पर कार्य किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत बालिकाओं व महिलाओं को सशक्त बनाने पर जोर दिया जा रहा है।
इसी कड़ी स्कूली छात्राओं को सशक्त व अपराधिक स्थिति से निपटने के लिए हिप्र पुलिस द्वारा राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में दो दिवसीय आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर का संचालन किया गया । मुख्य आरक्षी दलीप सिंह व महिला आरक्षा रीता रत्न ने विद्यालय की छात्राओं को आत्म रक्षा की तकनीकें सिखाईं।
आत्मरक्षा तकनीकें सिखा रहे मुख्य आरक्षी दलीप सिंह ने स्कूली छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि समाज में असमाजिक तत्वों से निपटने के लिए पुलिस हर स्थान पर उपस्थित नहीं हो सकती अतः ऐसी स्थिति से निपटने के लिए लड़कियों को स्वयं को शारीरिक व मानसिक रूप से स्वयं को मजबूत बनाना होगा । आवश्यकता पड़ने पर अपनी शैक्षणिक सामग्री मसलन पैंसिल,पैन,पुस्तक,कापी, बस्ता यहां तक कि अपनी हेअर पिन, नाखुन व दांतों तक का उपयोग करना आना चाहिए। क्योंकि विपत्ति का समाना सबसे पहले स्वयं को करना पड़ता है पुलिस व अन्य का सहयोग बाद में प्राप्त होता है।
इस अवसर पर उपस्थित महिला आरक्षी रीता रत्न ने छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि किसी भी प्रकार के अपराधिक हमले के दौरान सबसे पहले अपने डर पर काबू पाएं और हमलावर से लड़ने के लिए तैयार हो जाएं और शोर भी मचाएं अपराधी अकसर लोगों की लजर में आने से बचते हैं इसलिए शोर मचाना बढिया हथियार बन जाता है। इसके अलावा अपने आसपास पड़ी वस्तुओं को पकड़कर उसे हथियार बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की अपराधिक घटना की सूचना पुलिस को आवश्य दें इससे आप स्वयं के साथ-साथ अन्य लड़कियों व महिलाओं को भी सुरक्षित कर सकती हैं।
इस प्रशिक्षण शिविर में भाग लेने के बाद छात्राओं का मनोबल बढ़ता दिख रहा है।