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घोघड़, 14 दिसम्बर : BCCI प्रायोजित अंडर 19 आयु वर्ग कूच बेहार क्रिकेट टूर्णामेंट के एक लीग मैच में कांगड़ा जिला के श्रेयांश भारद्वाज ने 256 रनों की पारी खेलकर अपनी टीम को हार के मुहं से निकल लिया।

श्रेयांश भारद्वाज उड़ीसा की टीम में खेल रहे हैं। हैदराबाद की टीम के खिलाफ हुए इस चार दिवसीय मैच में उड़ीसा टीम के कप्तान आशीर्वाद स्वेन टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लिया लेकिन हैदराबाद की टीम ने पहली पारी में 07 विकेट पर 503 रन बनाकर पारी घोषित कर दी।

बड़े लक्ष्य का पीछा करने उतरी हैदराबाद की टीम के दोनों ओपनर बिना खाता खोले आऊट हो गए। दो विकेट गिरने के बाद खेलने आए श्रेयांश भारद्वाज ने अभी खाता भी नहीं खोला था कि उनके साथ बल्लेबाजी करने उतरे स्वयं श्रीवास्तव भी बिना रन बनाए आऊट हो गए। इस प्रकार अतिरिक्त के रूप में मिले एक रन पर टीम तीन विकेट खो चुकी थी। श्रेयांश भारद्वाज के साथ अब टीम के कप्तान आशीर्वाद बल्लेबाजी करने उतरे तो वे उड़ीसा की टीम को 157 रनों तक ले गए जिसमें कप्तान नें 38 व श्रेयांश ने 114 रनों का योगदान दिया। 157 रन पर उड़ीसा टीम के कप्तान भी पेवेलियन लौट गए लेकिन दूसरे छोर पर श्रेयांश ने मोर्चा खोल रखा था। श्रेयस ने अपनी पारी में 11 छक्के व 26 चौके जड़कर 256 रन बनाए। उड़ीसा की पूरी टीम 481 रन बनाकर आऊट हो गई। मैच ड्रॉ घोषित किया गया है।

इस टूर्णामेंट का आयोजन बीसीसीआई द्वारा हर वर्ष किया जाता है जिसमें 36 टीमें देश भर के अंडर 19 आयु वर्ग के खिलाड़ियों की प्रतिभा को इस प्रतियोगिता में जांचती है। सभी टीमों को छः ग्रुपों में बांट कर लीग मैच करवाए जाते हैं। प्रतियोगिता का नॉकआऊट दौर 22 दिसम्बर से आरम्भ होगा। जबकि फाइनल मैच 12 से 15 जनवरी 2024 के बीच खेले जाएंगे।

श्रेयांश भारद्वाज की इस पारी की चर्चा पूरे उत्तर भारत में हो रही है। गौरतलब है कि श्रेयांश के पिता राकेश भारद्वाज डेढ़ दशक से उड़ीसा में में कार्यरत हैं। जिस कारण श्रेयांश की पढ़ाई लिखाई के साथ-साथ क्रिकेट प्रशिक्षण भी उड़ीसा में ही हुआ है। श्रेयांश के पिता भी स्कूल व महाविद्यालय क्रिकेट के हरफनमौला खिलाड़ी रहे हैं। श्रेयांश उड़ीसा की अंडर 16 टीम के कप्तान भी रह चुके हैं। दायं हाथ का यह बल्लेबाज 12 कक्षा का छात्र है व वणिज्य संकाय में शिक्षा हासिल कर रहा है।

श्रेयस का पैतृक घर भरमौर में लोनिवि विश्रामगृह के पास स्थित है। उनकी दादी कैलाश भारद्वाज ने भरमौर के विभिन्न विद्यालयों में अध्यापिका के रूप में सेवाएं दी हैं।


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