घोघड़, चम्बा, 22 दिसम्बर : पहाड़नुमा दीवारों से घिरा जनजातीय क्षेत्र भरमौर धुएं का चैम्बर बन गया है। जंगल की आग से फैले इस धुएं के कारण सामान्य लोगों तक को सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है जबकि सांस की बीमारी से परेशान लोगों के लिए यह धुआं भारी मुसीबत बन गया है। पिछले कई दिनों से क्षेत्र के जंगलों व घासनियों में आगजनी की घटनाएं हो रही है। वर्षा व हिमपात न होने के कारण पहाड़ियों पर सूखी घास आग एकदम से बड़े भूभाग में फैला देती है।
आज दोपहर बाद करीब 01ः30 ग्राम पंचायत घरेड़ में खेतों के पास से जलती आग ने भरमौर मुख्यालय के सामने वाले पहाड़ में चपेट ले लिया । आग से चीड़ के सैकड़ों पेड़ झुलस गए जबकि कीटों व अन्य जन्तुओं के जीवन की हानि का आंकड़ा पता करना मुश्किल। घरेड़ के खेतों से सुलगी आग ने चंद मिनट में ही में अनगनित जीव जंतुओं के आवास स्थल को उनकी चिता में तबदील कर दिया। आग से एक ओर जहां वनस्पति व जीवों को भारी नुकसान हुआ है वहीं आग से फैले धुएं के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है। देर रात तक आग की लपटें पहाड़ को अपनी चपेट में लेते हुए आगे बढ़ रही हैं।
वन विभाग ने अब तक इस बारे में किसी पर कोई कार्रवाई नहीं की है । लोगों ने प्रशासन व वन विभाग से मांग की है कि वनों व घासनियों में आग लगाने वाले लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए।