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घोघड़, चम्बा 05 जून : कुछ अध्यापकों में बच्चों को पढ़ाने के लिए जुनून होता है किसी विषय को गहनता से समझने में  बच्चों को किताबों की अपेक्षा गतिविधि आधारित शिक्षा तत्काल समझ आती है। कई बार एक विषय को कई बार पढ़ाने के बावजूद बच्चों को वह समझ नहीं आता क्योंकि कुछ विषय व्यवहारिक होते हैं जिन्हें महसूस किए जाने पर ही समझा जा सकता है। पर्यावरण सुरक्षा विषय भी इन्हीं में से एक है। आज प्रारंभिक शिक्षा खंड गरोला के राजकीय प्राथमिक विद्यालय थल्ली सियुका में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। स्कूल के सभी बच्चे आज काफी उत्सुक थे क्योंकि गत वर्ष पर्यावरण दिवस पर आधारित एक प्रयोग अधायापकों व विद्यार्थियों ने किया था जिसके परिणाम जांचने का आज दिन आ गया था। प्लास्टिक व पॉलिथीन कचरा धरती व पर्यावरण के लिए कितना घातक है यह जानने के लिए एक गढ्ढे में प्लास्टिक व पॉलिथीन कचरे को दबाया गया था तो दूसरे गढ्ढ में कागज व कार्ड बोर्ड के टुकड़े दबाकर एक वर्ष बाद यह जानना था कि एक वर्ष तक भूमि में दबाए रखने पर दोनों पर क्या प्रभाव पड़ता है।

आज जब इन दोनों गढ्ढों को खोदकर उसमें दबाए गए प्लास्टिक कचरे व कागज की दशा देखकर बच्चे हैरान रह गए । क्योंकि कागज व गत्ते के टुकड़े गल सड़ चुके थे जबकि प्लास्टिक कचरा वैसे का वैसा ही था।

इस बात को जानने के लिए सभी बच्चे उत्सुक की प्लास्टिक क्यों नहीं सड़ा जबकि कागज़ कैसे गल सड़ गया। इस पर संस्थान के अध्यापक नेक राज ने बच्चों को बताया कि प्लास्टिक हजारों सालों तक नहीं गलता सड़ता है। इसलिए हमें इसका उपयोग नहीं करना चाहिए। प्लास्टिक ने हमारी पृथ्वी को बहुत नुक्सान पहुंचाया है। अध्यापक ने सभी बच्चों को कहा कि आपको जहाँ भी सिंगल यूज दिखे तो उसे स्कूल में ले आएं । अध्यापकों ने प्लास्टिक कचरे से होने वाले नुकसान को समझाने के लिए एक प्रयोग किया जिसका परिणाम भले एक वर्ष बाद आया परंतु बच्चों ने इस प्रयोग से प्लास्टिक कचरे से होने वाले नुकसान को जितनी गम्भीरता व आसानी से समझा उतनी गम्भीरता से शायद किताबों में पढ़ाए पाठ से न समझते। अध्यापकों द्वारा बच्चों के बौद्धिक स्तर को समझते हुए उन्हें उसी अनुरूप पढ़ाना उन अध्यापकों को समाज में भी प्रतिष्ठा दिलाता है।

उन्होंने कहा कि बच्चे पर्यावरण दिवस के दिन और परीक्षा परिणाम वाले दिन सिंगल यूज प्लास्टिक को स्कूल में लाते हैं तथा सबसे ज्यादा प्लास्टिक लाने बाले बच्चे को सम्मानित भी किया जाता है। आज हर्षित को सबसे अधिक प्लास्टिक लाने पर सम्मानित किया गया। आज इस मौके पर बच्चों से नारा लेखन प्रतियोगिता भी करवाई गई। नारा लेखन में विरेन आजाद प्रथम कृतिका ने द्वितीय व नंदनी ने तृतीय स्थान हासिल किया। अध्यापक श्री नेक राज ने प्रथम तीन स्थान पर रहने बाले बच्चों को पुरस्कृत भी किया। अंत में पाठशाला प्रभारी ने सभी बच्चों को पर्यावरण को स्वच्छ रखने की अपील भी की तथा ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण करने की भी सलाह दी।


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