घोघड़, चम्बा, 04 अप्रैल : आज ही के दिन वर्ष 1905 में आए भूकम्प ने कांगड़ा जिला में 20 हजार से अधिक लोगों की जान ले ली थी। आज उसी त्रासदी पर श्री जय कृष्णागिरी पब्लिक हाई स्कूल भरमौर में आपदा प्रबंधन के तहत आज मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। प्राकृतिक आपदा भूकंप कभी भी आ सकता है उसके बारे में बच्चों को अवगत करवाने और बचाव करने के तरीकों के बारे में मॉक ड्रिल का आयोजन स्कूल परिसर में किया गया। इसमें सभी बच्चों ने तथा अध्यापकों ने मिलजुल कर भाग लिया। भूकम्प के समय स्वयं व औरों की रक्षा की जानकारी इस मौक ड्रिल में दी गई। इस मौके पर मुख्य अध्यापक राजीव कुमार तेज सिंह सुंदर सिंह सुरेंद्र कुमार कार्तिक सिंह मनोज कुमार आयुष कुमार काजल शर्मा कृष्णा कुमारी बीना देवी तनूजा ठाकुर रोमा देवी उमा देवी पूजा ठाकुर आदि मौजूद रहे।
अभी कुछ घंटे पूर्व ही इस त्रासदी पर बड़े बुजुर्गों से किस्से सुनकर रात्रि भोजन करके सोने की तैयारी कर रहे लोगों ने भूकम्प के भारी झटके महसूस किए तो कलेजा मुंह को आ गया लगने लगा। एक बारगी तो ऐसा लगा कि सब कुछ ध्वस्त होने वाला है। आज रात्री 09ः34 बजे आए इस भूकम्प से पहले तेज हवा चलने जैसा महसूस हुआ। भूगर्भ विशेषज्ञ द्वारा जारी जानकारी अनुसार इस भूकम्प की तीव्रता 5.2 मैग्नीट्यूड मापी गई है । इतनी तीव्रता का भूकम्प गत वर्ष 13 जून को भी आया था। आंकड़ों के अनुसार पिछले दस वर्षों में 08 बार 5.0 मैग्नीट्यूड से अधिक तीव्रता के भूकम्प हो चुके हैं जिनमें से यह उच्चतम है। इस भूकम्प से अभी तक किसी प्रकार के जान माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है।
गौरतलब है कि आज के दिन ही 4 अप्रैल 1905 में हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा में 7.9 मैग्नीट्यूड की तीव्रता का भयानक भूकंप आने से बहुत बड़ी त्रासदी हुई थी जिसमें लगभग 20000 के करीब लोग मारे गए थे और एक लाख से ज्यादा घर तबाह हो गए थे। वर्ष 1900 से लेकर अब तक यह सबसे अधिक तीव्रता का भूकम्प था।