घोघड़,चम्बा, 09 जून : जिला मुख्यालय चंबा में जिला स्तरीय परामर्शदात्री समिति की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने की। बैठक की शुरुआत में उपायुक्त एवं समिति के अध्यक्ष मुकेश रेपसवाल ने विधानसभा अध्यक्ष का स्वागत करते हुए उन्हें सम्मानित किया।
बैठक में अग्रणी जिला प्रबंधक ने जानकारी दी कि यह त्रैमासिक बैठक वित्तीय वर्ष 2024-25 की अंतिम तिमाही यानी मार्च 2025 की समीक्षा के लिए बुलाई गई थी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024-25 के लिए ₹1410.41 करोड़ का ऋण लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जबकि जिले ने ₹1637.22 करोड़ का वितरण कर 116.10 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया।
विधानसभा अध्यक्ष पठानिया ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि जिले में बैंकों के पास ₹7338.41 करोड़ की राशि जमा है, परंतु ऋण वितरण की तुलना में यह अनुपात कम है। उन्होंने बैंकों से आग्रह किया कि छोटे व्यापारियों, उद्यमियों और किसानों को ऋण देने की प्रक्रिया को सरल बनाया जाए। साथ ही, उन्होंने सुझाव दिया कि जो लोग बीमारी या घर के कमाऊ सदस्य की मृत्यु के कारण ऋण चुकाने में असमर्थ हैं, उनके लिए विशेष राहत योजनाएं लाई जाएं जिनमें ब्याज माफ करने जैसी सुविधा हो।
उन्होंने बैंकों से यह भी आग्रह किया कि सभी किसानों को कृषि क्रेडिट कार्ड की सुविधा से जोड़ा जाए और सरकारी योजनाओं की जानकारी लोगों तक पहुंचाई जाए। उन्होंने याद दिलाया कि चंबा एक आकांक्षी जिला है, और प्रधानमंत्री जनधन योजना, जीवन ज्योति बीमा योजना, स्वास्थ्य बीमा योजना, अटल पेंशन योजना, आधार सीडिंग, किसान क्रेडिट कार्ड और शिक्षा ऋण जैसे प्रमुख संकेतकों में सुधार के लिए विशेष कैंप आयोजित किए जाएं। उन्होंने नीति आयोग द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने के लिए ठोस प्रयास करने पर बल दिया।
चंबा के विधायक नीरज नैयर ने बैठक में कहा कि बैंक छोटे ऋण ग्राहकों को नजरअंदाज कर रहे हैं, जिससे लोग निजी स्त्रोतों से ऊंचे ब्याज दर पर कर्ज लेने को मजबूर हो जाते हैं। उन्होंने बैंकों से आग्रह किया कि वे ग्राहकों के प्रति सहानुभूतिपूर्ण रवैया अपनाएं और सरल सेवाएं प्रदान करें।
भारतीय रिजर्व बैंक शिमला से एलडीओ आशीष सांगरा ने बैंकों को डिजिटल साक्षरता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कुछ बैंक केवल चुनिंदा क्षेत्रों में ही ऋण दे रहे हैं, जबकि सभी क्षेत्रों में समान रूप से ऋण वितरण जरूरी है। प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में संतुलित ऋण वितरण पर उन्होंने विशेष बल दिया।
समिति के अध्यक्ष मुकेश रेपसवाल ने बैंकों को निर्देश दिए कि वे ग्रामीण और शहरी आजीविका मिशन, पीएम स्वनिधि जैसी योजनाओं के तहत प्रायोजित ऋण प्रस्तावों का शीघ्र निपटारा करें। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को आश्वासन दिया कि उनके द्वारा सुझाए गए बिंदुओं पर प्राथमिकता के आधार पर कार्य किया जाएगा।
बैठक में विधायक नीरज नैयर, उपायुक्त मुकेश रेपसवाल, एएसपी शिवानी महेला, एसडीएम प्रियांशु खाती, एलडीओ आशीष सांगरा, नाबार्ड के डीडीएम राकेश कुमार, अग्रणी जिला प्रबंधक डीसी चौहान सहित विभिन्न बैंकों और विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।