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घोघड़, ऊना 20 नवम्बर :  गुटबाजी में बंटा संगठन न मजबूत और न कर्मचारी हितैषी है। यह बात हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ज़िला ऊना के वरिष्ठ उपाध्यक्ष तारा सिंह ने बुधवार को महासंघ के 59वें स्थापना दिवस के अवसर पर ऊना के परिधि गृह में आयोजित ज़िला स्तरीय कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कही। कार्यक्रम में ज़िला मुख्यालय के अलावा खण्ड स्तरीय कर्मचारी प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में तारा सिंह ने कहा कि कर्मचारी महासंघ की स्थापना 20 नवम्बर 1966 को हुई थी और इसका उद्देश्य प्रदेश के कर्मचारियों को एक मंच पर संगठित करना था तथा इसके माध्यम से कर्मचारियों के हित में सरकार के समक्ष उनकी समस्याओं व मांगों को दृढ़ता से उठाया जा सके। लेकिन यह बड़े खेद का विषय भी है और आत्ममंथन का भी कि कुछ कर्मचारी नेताओं ने निजी स्वार्थ के चलते अपने-अपने समानांतर कर्मचारी गुट बना लिए हैं, जिसकी वजह से कर्मचारियों की समस्याओं की अनदेखी हो रही है।
तारा सिंह ने कहा कि इसी गुटबाजी के चलते जेसीसी की बैठकें समय पर आयोजित नहीं हो पाती और जो होती भी हैं वे बेनतीजा निकलती हैं। उन्होंने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि ज़िला ऊना का इतिहास रहा है कि यहां कभी भी समानांतर कर्मचारी गुटबाजी नहीं हुई और बिना किसी के प्रभाव में आए कर्मचारियों के हितों को लेकर आवाज़ बुलन्द की है। उन्होंने इस मौके पर महासंघ के पूर्व में रहे जिला के प्रतिष्ठित कर्मचारी नेताओं के संघर्ष और बलिदान का भी जिक्र किया।

इस अवसर पर ज़िला में कर्मचारियों को आ रही दिक्कतों और उनके निदान के लिए सरकार के समक्ष मुद्दों को उठाने पर भी चर्चा की गई।
प्रतिनिधियों में महासचिव राजेश कुमार, पूर्व प्रधान एवं राज्य प्रतिनिधि रमेश ठाकुर व राजीव पाठक, महासंघ के खण्ड हरोली के प्रधान हरजिंदर सिंह, कानूनी सलाहकार मंजीत सिंह, संयुक्त सचिव भरत भूषण सहित अन्य पदाधिकारी शामिल रहे।


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