घोघड़, चम्बा 13 जून : कहावत है मरता क्या न करता जो कि भेड़ पालकों की मौजूदा स्थिति पर स्टीक बैठती है। सरकार चाहे किसी भी पार्टी की हो भेड़ पालकों को भी आस रहती है कि कुछ तो उनके हित के लिए प्रावधान होगा। पांच वर्ष बीत जाने के बाद वे फिर नई सरकार से यही आस करते हैं परंतु उनकी आवाज न तो राजधानी व न ही उनके कथित हित रक्षक वूल फैडरेशन के अधिकारियों तक पहुंचती है। फलस्वरूप भेड़ पालक दशकों पूर्व जिन मांगों को पूरा होने की आस लिए बैठे हैं वे आज भी ज्यों की त्यों पहाड़ों की तलहटियों व नदियों की कलकल के शोर में नजरंदाज होती दिख रही हैं। कभी इस दल तो कभी उस दल के प्रतिनिधियों के सम्मुख अपना दुखड़ा सुना सुना कर थक चुके भेड़ पालक अब कहीं से भी राहत की आस दिखती है तो उस ओर चल देते हैं, आखिर मरता क्या न करता।
हिप्र वूल फैडरेशन अध्यक्ष मनोज कुमार ठाकुर आज पहली बार भरमौर विस क्षेत्र के दौरे पर पहुंचे। अपने पूर्व निर्धारित दौरे के अनुसार वे पहले होली में भेड़ पालकों से मिले और उनकी समस्याओं को सुना। जिसके पश्चात आज दोपहर बाद करीब अढ़ाई बजे वे पशु पालन विभाग द्वारा पशु पालकों के लिए आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि को तौर पर पहुंचे। इस दौरान दर्जनों भेड़ व अन्य पशु पालकों से मिले।
मनोज ठाकुर ने इस दौरान भेड़ पालकों के सम्बोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खु ने उन्हें भेड़ पालकों की समस्याओं के निवारण हेतु जो जिम्मेदारी सौंपी है , वे उस पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि भेड़ पालन गद्दी समुदाय का मूल व्यवसाय है। यह कड़ी मेहनत वाला व्यवसाय है जिसमें भेड़ पालक अपने परिवार के भरण पोषण के लिए अपना पूरा जीवन घर से बाहर गुजार देते हैं। चारागाहों का घटता क्षेत्रफल, चोरों से असुरक्षा, प्राकृतिक आपदाओं से पशुधन को क्षति, ऊन व मांस का उचित मूल्य न मिलना, भेड़ों को नहलाने के लिए डिपिंग टैंक की कमी जैसी समस्याओं के कारण वर्षों से इस व्यवसाय में लगातार कमी आ रही है। उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल में वे इस प्राचीन व्यवसाय को सुदृढ़ करके युवाओं को इस व्यवसाय के लिए प्रेरित करने का प्रयास करेंगे ।
मनोज ठाकुर ने कहा कि वे अपने कार्यकाल में भेड़ पालकों की संख्या को बढ़ाने के लिए इस व्यवसाय को उन्नत बनाने के लिए प्रयास करेंगे।
कार्यक्रम में उपस्थित राज्य सहकारी बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर व कृषि उपज मार्केटिंग समिति चम्बा अध्यक्ष ललित ठाकुर ने भी भेड़ पालकों को सम्बोधित किया।
कार्यक्रम में भेड़ पालकों ने कुगती दर्रे पर बर्फ की परत पिघलने के कारण रास्ता बंद हो जाने की स्थिति से अवगत करवाते हुए इसे आपात स्थिति बताया। भेड़ पालकों ने कहा कि लाहौल स्पीति प्रवास पर निकले भेड़ पालक रास्ता बंद होने के कारण अपनों रेवड़ों के साथ दर्रे की तलहटी में फंस चुके हैं जहां न भेड़ बकरियों के चरने के लिए घास है व नहीं भेड़ पालकों के लिए कोई सुरक्षा। भेड़ पालकों ने कहा कि दो दिन में यह रास्ता ठीक न किया गया तो उनके पशुधन को भारी हानि हो सकती है।
मनोज ठाकुर ने इस दौरान अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी भरमौर को शीघ्र इस समस्या का समाधान करने विशेष दल भेजने को कहा।
इस अवसर पर सहायक निदेशक भेड़ विकास राकेश भंगालिया ने कहा कि भेड़ पालकों की सहायता के लिए समय समय पर रेवड़ों की स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण व निशुल्क दवाइयां दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि भेड़ पालकों की हर समस्या के लिए विभागीय टीमें लगातार सक्रिय हैं। इस दौरान उन्होंने भेड़ पालकों को मैडिकल किटें भी उपलब्ध करवाईं।