घोघड़, दिल्ली, 12 दिसम्बर : केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय 01.04.2022 से 31.03.2026 तक केंद्र प्रायोजित योजना संशोधित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) लागू कर रहा है। केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री कपिल मोरेश्वर पाटिल ने आज लोकसभा में यह जानकारी उपलब्ध करवाते हुए कहा कि यह योजना देश के सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों तक विस्तारित है। यह संशोधित योजना केंद्रीय मंत्रालयों और राज्य सरकारों के विभागों के ठोस और सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से सभी स्तरों पर ‘संपूर्ण सरकार’ के परिप्रेक्ष्य के साथ 9 विषयगत दृष्टिकोण को अपनाते हुए जमीनी स्तर पर सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण (एलएसडीजी) पर विशेष ध्यान देने के साथ – साथ पंचायती राज संस्थानों को स्थानीय स्व-शासन और आर्थिक विकास के जीवंत केंद्रों के रूप में नये सिरे से परिकल्पित करने पर ध्यान केन्द्रित करती है।
इन 9 विषयों में गरीबी मुक्त, स्वस्थ, बच्चों के अनुकूल, पर्याप्त पानी, स्वच्छ और हराभरा, आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचा, सामाजिक रूप से सुरक्षित, सुशासन और महिलाओं के अनुकूल गांव शामिल हैं।
मंत्रालय ने पीआरआई के माध्यम से एसडीजी के स्थानीयकरण के लिए सहयोगात्मक प्रयास को मजबूत करने के लिए नोडल मंत्रालयों के साथ अंतर-मंत्रालयी परामर्श, राज्यों के साथ क्षेत्रीय कार्यशालाएं और संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के साथ परामर्श बैठक सहित अनेक कदम उठाए हैं। मंत्रालय एलएसडीजी को जमीनी स्तर पर आगे बढ़ाने के लिए राज्यों और अन्य हितधारकों के साथ मिलकर लगातार काम कर रहा है।
इस दौरान उन्होंने मेरी पंचायत नामक मोबाइल एप्प के विषय में जानकारी देते हुए कहा कि यह एक मोबाइल गवर्नेंस (एम-गवर्नेंस) ऐप है, जिसे एनआईसी, पंचायती राज मंत्रालय द्वारा विकसित किया गया है, ताकि ग्राम पंचायतों के कामकाज से संबंधित इस मंत्रालय के विभिन्न पोर्टलों से एकत्र की गई जानकारी को जनता तक आसानी से पहुंचाया जा सके।
यह एप्लिकेशन जनसांख्यिकी, निर्वाचित प्रतिनिधियों, पंचायत सचिव और अधिकारियों, ग्राम पंचायत विकास योजनाओं, प्राप्त धन, पंचायत की आय और व्यय, विकास के लिए पंचायत द्वारा लिया गया संकल्प, बैंक खाते और पंचायत के बैंक विवरण आदि के संबंध में जानकारी प्रदान करता है । मेरी पंचायत मोबाइल ऐप पंचायत का समग्र दृष्टिकोण प्रदान करेगा और पंचायतों के कामकाज के बारे में हर प्रकार की जानकारी तक पहुंच की सुविधा उपलब्ध कराएगा, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही में वृद्धि होने की उम्मीद है। साथ ही, इसका उपयोग पंचायत निर्वाचित प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों द्वारा अपने समर्पित लॉगिन आईडी के माध्यम से अपना काम निपटाने के लिए भी किया जा सकता है।