घोघड़, चम्बा, 22 दिसम्बर : आज दिनांक 22 December 2023 को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिंक विद्यालय भरमौर में राष्ट्रीय गणित दिवस मनाया गया। इस अवसर पर भारत के विश्व गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई। प्रसिद्ध भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन (1887-1920) ने गणित के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया, विशेष रूप से संख्या सिद्धांत, गणितीय विश्लेषण और अनंत श्रृंखला के क्षेत्र में। उनकी कुछ उल्लेखनीय उपलब्धियों में शामिल हैं: रामानुजन-हार्डी संख्या (1729): रामानुजन प्रसिद्ध रूप से संख्या 1729 से जुड़े हैं, जिसे “रामानुजन-हार्डी संख्या” के रूप में जाना जाता है। जब वे बीमार पड़ गये और अस्पताल में थे, तो गणितज्ञ जी. एच. हार्डी उनसे मिलने आये। हार्डी ने उल्लेख किया कि उन्होंने 1729 नंबर के साथ एक टैक्सी ली। रामानुजन ने तुरंत उत्तर दिया कि 1729 एक दिलचस्प संख्या है – यह सबसे छोटा सकारात्मक पूर्णांक है जिसे दो क्यूब्स के योग के रूप में दो अलग-अलग तरीकों से व्यक्त किया जा सकता है : 1729 = 1 3 + 1 2 3 = 9 3 + 1 0 3 1729=1 3 +12 3 =9 3 +10 3 .
विद्यालय प्रधानाचार्या अरुणा चाढ़क ने विद्यार्थियों को महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के जीवन के बारे व गणित के क्षेत्र में किए हुए इनके कार्यों से अवगत करवाते हुए बताया कि मॉक थीटा फ़ंक्शंस: रामानुजन ने मॉड्यूलर फॉर्म और मॉक थीटा फ़ंक्शंस के सिद्धांत में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इन कार्यों पर उनके काम को संख्या सिद्धांत और बीजगणित सहित गणित के विभिन्न क्षेत्रों में अनुप्रयोग मिला है।
रामानुजन अभाज्य और रामानुजन-हॉगर स्थिरांक: रामानुजन ने अभाज्य संख्याओं के क्षेत्र में योगदान दिया, और “रामानुजन अभाज्य” शब्द एक अभाज्य संख्या को संदर्भित करता है जो एक विशिष्ट संपत्ति को संतुष्ट करता है। इसके अतिरिक्त, रामानुजन-हॉगर स्थिरांक विभाजन सिद्धांत में उनके काम से संबंधित है, जो उन तरीकों से संबंधित है जिसमें किसी दिए गए सकारात्मक पूर्णांक को सारांश में विभाजित किया जा सकता है।
अनंत श्रृंखला और निरंतर भिन्न: रामानुजन ने अनंत श्रृंखला और निरंतर भिन्न से संबंधित कई आकर्षक परिणाम खोजे। मॉड्यूलर रूपों और अण्डाकार कार्यों पर उनके काम ने इन गणितीय अवधारणाओं में गहरी अंतर्दृष्टि प्रदान की।
खोई हुई नोटबुक: रामानुजन की मृत्यु के बाद, एक “खोई हुई नोटबुक” की खोज की गई जिसमें उनके कई परिणाम और विचार थे। इस नोटबुक में गणितीय सूत्रों का खजाना था, जिनमें से कुछ की बाद के गणितज्ञों द्वारा जांच और पुष्टि की गई है। रामानुजन अनुमान: रामानुजन ने अपने काम में कई अनुमान लगाए और इनमें से कुछ गणित की प्रसिद्ध समस्याएं बन गईं। उदाहरण के लिए, रामानुजन अनुमान में अभाज्य संख्याओं का वितरण शामिल है और यह अभी भी सक्रिय अनुसंधान का क्षेत्र है। रामानुजन का कार्य आज भी गणित की विभिन्न शाखाओं को प्रभावित कर रहा है और उन्हें 20वीं सदी के महानतम गणितज्ञों में से एक के रूप में याद किया जाता है। उनका जीवन और योगदान कई पुस्तकों, वृत्तचित्रों और विद्वानों के लेखों का विषय रहा है।
विद्यालय में गणित दिवस के मौके पर चित्रकला,नारा लेखन,प्रशनोतरी,मॉडल बनाना, इत्यादि प्रतियोगिताएँ करवाई गयीं जिसमें विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया।इस अवसर पर आयोजित चित्रकला में प्रगति प्रथम ,साक्षी द्वितीय व वैष्णवी तृतीया स्थान पर रहे वहीं नारा लेखन में साक्षी प्रथम,वैष्णवी द्वितीय व अगस्त्या तृतीया स्थान पर रहे। मॉडल बनाने में वैष्णवी प्रथम,अगसत्या द्वितीय व साक्षी तृतीया स्थान पर रहे । प्रश्नोत्तरी में हरीश व शुभम प्रथम,वैष्णवी, विवेक द्वितीय, साहिल व कार्तिक तीसरे स्थान पर रहे।। इस मौक़े पर गणित प्रवक्ता विवेक कुमार व राकेश, ओमवर्मा, विजय, अनामिका,व विद्यालय के अन्य अध्यापक उपस्थित रहे।