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घोघड़, धर्मशाला 01 जुलाई : प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने धर्मशाला विधानसभा सत्र के दौरान सुझाव दिया कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रसारित किया जाना चाहिए, ताकि आम जनता इस लोकतांत्रिक प्रक्रिया से सीधे जुड़ सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश पहले ही देश की पहली डिजिटल विधानसभा होने का गौरव प्राप्त कर चुका है, और अब समय आ गया है कि इसकी कार्यवाही को सार्वजनिक रूप से ऑनलाइन साझा किया जाए।

उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से अपील की कि यह पहल पारदर्शिता बढ़ाने और जनता की सहभागिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम होगी। तकनीकी प्रगति के इस दौर में लोकतंत्र को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए यह आवश्यक है।

उपमुख्यमंत्री ने राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल के नशे के विरुद्ध प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उनके प्रदेशव्यापी दौरे से नशा मुक्ति अभियान को मजबूती मिली है। सरकार और राजभवन के समन्वित प्रयासों से नशीले पदार्थों के खिलाफ अभियान को अधिक प्रभावशाली बनाया गया है। उन्होंने कहा कि न केवल जनजागरण बल्कि अपराधियों की पहचान और कार्रवाई में भी राजभवन का योगदान सराहनीय रहा है।

डॉ. वाई.एस. परमार को याद करते हुए उन्होंने उन्हें हिमाचल प्रदेश के स्थापत्य पुरुष के रूप में सम्मानित किया, जिनकी दूरदृष्टि और संघर्षों से यह राज्य अस्तित्व में आया। साथ ही, पूर्व मुख्यमंत्री राजा वीरभद्र सिंह के योगदान को उन्होंने अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि आधुनिक हिमाचल के निर्माण में उनकी भूमिका ऐतिहासिक रही है।

राज्य की आर्थिक चुनौतियों पर बात करते हुए उपमुख्यमंत्री ने बताया कि सीमित संसाधनों के बावजूद, हिमाचल जैसे छोटे पहाड़ी राज्य हाइड्रो पावर, पर्यटन और आबकारी जैसे क्षेत्रों से राजस्व प्राप्त करते हैं, जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था संचालित होती है।

धर्मशाला स्थित विधानसभा भवन को लेकर उठते सवालों पर उन्होंने स्पष्ट किया कि भले ही यह भवन वर्ष में सीमित समय के लिए उपयोग में आता है, इसकी गरिमा और महत्वपूर्ण भूमिका को कम नहीं आंका जा सकता। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि शिमला स्थित राष्ट्रपति निवास या अन्य राज्यों की विधानसभाएं भी वर्ष में कुछ दिनों के लिए ही सत्र चलाती हैं। इसलिए धर्मशाला के इस भवन की उपयोगिता पर प्रश्न खड़ा करना उचित नहीं।

अंत में, उपमुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि इस भवन का इस्तेमाल विधायकों के प्रशिक्षण केंद्र के रूप में किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि पूर्व में इस दिशा में प्रस्ताव रखा गया था, जिसे फिर से सक्रिय कर कार्यान्वित किया जाना चाहिए।


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