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घोघड़, ऊना, 22 दिसम्बर : हिमाचल प्रदेश में निर्धन परिवारों से संबंधित विद्यार्थी धन अभाव के कारण उच्च पेशेवर शिक्षा से वंचित न रहे इस उद्देश्य से हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा डॉ वाईएस परमार विद्यार्थी ऋण योजना आरंभ की गई है। इस योजना के तहत ऐसे विद्यार्थी जिनकी सालाना पारिवारिक आय चार लाख रुपए तक है तथा वे किसी भी स्तर की उच्च पेशेवर शिक्षक ग्रहण करना चाहते हैं इस योजना का लाभ ले सकते हैं। यह जानकारी एडीसी ऊना महेंद्र पाल गुर्जर ने इस संबंध में आयोजित बैठक के दौरान दी।
महेंद्र पाल गुर्जर ने बताया कि योजना के लिए प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित शर्तों के मुताबिक विद्यार्थी हिमाचल प्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए तथा पात्र शैक्षणिक योग्यता में उसके न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक होना अनिवार्य है। योजना का लाभ इंजीनियरिंग विषयों में आईटीआई, डिप्लोमा अथवा डिग्री के अलावा मेडिकल, मैनेजमेंट, पैरामेडिकल, फार्मेसी, नर्सिंग तथा वकालत की पढ़ाई के अलावा पीएचडी की पढ़ाई करने के लिए भी लिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में शुरू की गई यह योजना भारत में पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए ही वर्ष 2023-24 से आरंभ है तथा संबंधित विषयों में पहले से अध्यनरत विद्यार्थी भी इस योजना के पात्र होंगे। उन्होंने बताया कि जिला ऊना में डॉ वाईएस परमार विद्यार्थी ऋण योजना के तहत अब तक कुल 20 आवेदन प्राप्त हुए हैं जो कि अधूरे दस्तावेजों के कारण लंबित हैं। उन्होंने शिक्षा विभाग अधिकारियों को निर्देश दिए कि लंबित मामलों के संबंध में सभी आवेदकों सूचित कर आवेदन की प्रक्रिया को पूरा किया जाए। एडीसी ऊना ने जिला के सभी पात्र छात्र-छात्राओं से आग्रह किया गया है कि वे उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए इस योजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ लें।

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