घोघड़, चम्बा, 23 अक्तूबर : आज दिनांक 23/10/2024 को बेटी बचाओ बेटी पढाओ के अन्तर्गत भरमौर वृत में जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया जिसमें जिला कार्यक्रम अधिकारी राकेश पिंजोरिया व बाल विकास परियोजना अधिकारी अमर सिंह वर्मा उपस्थित रहे। इस अवसर पर उपस्थित बाल विकास परियोजना विभाग से जुड़ी भरमौर ब्लॉक की सुपरवाइजर, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, गर्भवती, धात्री व किशोरियों को सम्बोधित करते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी ने मासिक धर्म से जुडी भ्रांतियों के बारे में अवगत कराया ।
उन्होंने कहा कि मासिक धर्म (पीरियड्स) के बारे में समाज में कई भ्रांतियां और गलत धारणाएं हैं, जो अक्सर सामाजिक, धार्मिक, या सांस्कृतिक मान्यताओं पर आधारित होती हैं। ये भ्रांतियां महिलाओं के स्वास्थ्य और उनके अधिकारों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं।
मासिक धर्म के दौरान महिलाएं अपवित्र होती हैं,यह सबसे सामान्य भ्रांति है कि मासिक धर्म के दौरान महिलाएं अपवित्र होती हैं और उन्हें धार्मिक गतिविधियों, पूजा-पाठ या मंदिर में प्रवेश से दूर रहना चाहिए। यह धारणा पूरी तरह से गलत है, क्योंकि मासिक धर्म एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, और इसका धार्मिक या आध्यात्मिक पवित्रता से कोई संबंध नहीं है।
मासिक धर्म के दौरान किसी चीज़ को छूने से वह खराब हो जाती है,कुछ क्षेत्रों में यह माना जाता है कि मासिक धर्म के दौरान महिलाएं खाना, पौधों या अन्य वस्तुओं को छू लें तो वे खराब हो जाती हैं। यह धारणा भी वैज्ञानिक रूप से गलत है। मासिक धर्म के दौरान महिला की शारीरिक क्रियाएं सामान्य रहती हैं, और इससे किसी वस्तु पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता।
मासिक धर्म के समय व्यायाम या शारीरिक गतिविधि नहीं करनी चाहिए, यह भी एक भ्रांति है कि पीरियड्स के दौरान महिलाओं को शारीरिक गतिविधियों से बचना चाहिए। वास्तव में, हल्का व्यायाम करने से पीरियड्स के दर्द (मासिक धर्म में ऐंठन) में राहत मिल सकती है। इसके अलावा, योग और स्ट्रेचिंग भी लाभकारी हो सकते हैं।
मासिक धर्म का खून दूषित होता है, मासिक धर्म का खून शरीर का एक सामान्य उत्सर्जन क्रिया है और इसे दूषित मानना गलत है। यह खून गर्भाशय की आंतरिक परत का हिस्सा होता है जो हर महीने निषेचित अंडाणु न होने पर बाहर आता है। यह शरीर के किसी भी अन्य प्रकार के खून जैसा ही होता है।
मासिक धर्म के दौरान ठंडी चीज़ें नहीं खानी चाहिए, कई स्थानों पर यह माना जाता है कि पीरियड्स के दौरान ठंडा पानी पीना या ठंडी चीज़ें खाने से पीरियड्स का फ्लो कम हो जाएगा या स्वास्थ्य को नुकसान होगा। यह धारणा गलत है और ठंडी चीज़ें खाने से मासिक धर्म पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
पीरियड्स एक बीमारी है,मासिक धर्म को कई बार बीमारी के रूप में देखा जाता है, लेकिन यह एक प्राकृतिक और स्वस्थ प्रक्रिया है। यह शरीर के सामान्य प्रजनन चक्र का हिस्सा है और इसे बीमारी के रूप में देखना गलत है।
मासिक धर्म के बारे में बात करना शर्मनाक है,समाज में मासिक धर्म के बारे में खुलकर बात करने से बचा जाता है, क्योंकि इसे एक शर्मिंदगी भरा विषय माना जाता है। जबकि यह स्वास्थ्य संबंधित मुद्दा है और इसके बारे में जागरूकता बेहद जरूरी है।
उन्होंने कहा कि इन भ्रांतियों को दूर करने के लिए शिक्षा और जागरूकता महत्वपूर्ण है। मासिक धर्म के बारे में सही जानकारी देना और इसे एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया के रूप में स्वीकार करना आवश्यक है।
इस दौरान बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा उपस्थित सभी गर्भवती व धात्रियों की गोद – भराई व अन्नप्रासन करवाया गया ।
इस विषय पर आयुर्वैदिक चिकित्सा विशेषज्ञ भरमौर डॉ अदित्य शर्मा ने कहा कि मासिक धर्म के दौरान महिलाओं के शरीर में शारीरिक और मानसिक बदलाव होते हैं, इसलिए इस समय विशेष ध्यान रखना आवश्यक है।मासिक धर्म के दौरान कुछ बातों को ध्यान में रखना आवश्यक है।
नियमित रूप से सैनिटरी नैपकिन या टैम्पॉन बदलें (प्रत्येक 4-6 घंटे में)।हर बार टॉयलेट जाने के बाद साफ पानी से सफाई करें। शरीर में जल की कमी न होने दें, इसलिए खूब पानी पिएं। यह आपके शरीर को डिहाइड्रेशन से बचाता है और मांसपेशियों के दर्द को कम करता है।
पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करें, जैसे फल, सब्जियां, नट्स और साबुत अनाज।आयरन और कैल्शियम युक्त भोजन से शरीर को ऊर्जा मिलती है और कमजोरी दूर होती है।
हल्का योग, वॉकिंग या स्ट्रेचिंग करने से दर्द और ऐंठन कम हो सकती है।पर्याप्त नींद लें और अपने शरीर को आराम दें। यह तनाव और थकान को कम करने में मदद करता है। पेट और पीठ के दर्द को कम करने के लिए गर्म पानी की बोतल का उपयोग कर सकती हैं
यह न करें
कैफीन (जैसे चाय, कॉफी) ज्यादा लेने से ऐंठन और तनाव बढ़ सकता है। बहुत ज्यादा तला हुआ या मसालेदार खाना खाने से पेट की समस्या हो सकती है।बहुत भारी काम या अत्यधिक व्यायाम से बचें, इससे शरीर पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है। धूम्रपान और शराब मासिक धर्म के दौरान शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं और ऐंठन को बढ़ा सकते हैं। मानसिक तनाव और चिंता से बचें। इससे हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, जो मासिक धर्म के लक्षणों को बढ़ा सकता है।
ठंडे पानी से नहाने से ऐंठन और शरीर में दर्द बढ़ सकता है, इसलिए गुनगुने पानी से नहाएं।
डॉ अदित्य ने कहा कि इन सावधानियों का पालन करने से मासिक धर्म के दौरान होने वाली समस्याओं से राहत मिलती है।