घोघड़, नई दिल्ली02 अप्रैल : देश में बढ़ते साइबर अपराधों और फर्जी कॉल-एसएमएस घोटालों पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं। गृह मंत्रालय और दूरसंचार विभाग मिलकर साइबर अपराधों पर शिकंजा कसने के लिए अनेक उपाय कर रहे हैं।
गृह मंत्रालय के अधीन भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4सी) ने साइबर अपराधों से निपटने के लिए एक ठोस ढांचा और इको-सिस्टम तैयार किया है। आम जनता को साइबर अपराधों की रिपोर्ट करने में सक्षम बनाने के लिए राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) ( cybercrime.gov.in ) लॉन्च किया गया है।
I4सी के अनुसार, वर्ष 2024 में एनसीआरपी पर कुल 19.18 लाख शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें लगभग 22,811.95 करोड़ रुपये की वित्तीय हानि का अनुमान है।
फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल्स जो भारतीय मोबाइल नंबर प्रदर्शित करती थीं, उन्हें रोकने के लिए दूरसंचार विभाग ने एक सख्त प्रणाली विकसित की है। यह प्रणाली 17 अक्टूबर 2024 को चालू की गई और पहले ही दिन 1.35 करोड़ स्पूफ कॉल्स को ब्लॉक कर दिया गया। ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, 3 मार्च 2025 तक, स्पूफ्ड कॉल्स की संख्या घटकर केवल 4 लाख रह गई है, जो करीब 97 प्रतिशत की कमी को दर्शाता है।
दूरसंचार विभाग ने नागरिकों को सतर्क और जागरूक बनाने के लिए संचार साथी ऐप/पोर्टल लॉन्च किया है। इसके माध्यम से लोग संदिग्ध कॉल्स और एसएमएस की रिपोर्ट कर सकते हैं और नवीनतम सुरक्षा उपायों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, सोशल मीडिया अभियानों, एसएमएस अभियानों और प्रेस विज्ञप्तियों के माध्यम से भी नागरिकों को जागरूक किया जा रहा है।
फर्जी कॉल और साइबर अपराधों से निपटने के लिए लगभग 560 संगठनों को एकीकृत करते हुए डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म (DIP) विकसित किया गया है। इसमें केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ-साथ राज्य पुलिस, टेलीकॉम सेवा प्रदाता (TSP) और भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र शामिल हैं।
आज लोक सभा में एक लिखित उत्तर में संचार एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासनी चंद्रशेखर ने कहा कि सरकार साइबर अपराधों पर काबू पाने और नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
देश में साइबर अपराधों और फर्जी कॉल्स पर नकेल कसने के लिए उठाए गए ये कदम निश्चित रूप से सकारात्मक परिणाम दिखा रहे हैं। जनता को भी चाहिए कि वे सतर्क रहें और किसी भी प्रकार के फर्जी कॉल या एसएमएस की तुरंत रिपोर्ट करें।