घोघड़, चम्बा 01 नवम्बर : भरमौर उपमंडल की ग्राम पंचायत गरोला के गांव ककरी और स्वाई में आग लगने से भारी नुकसान हुआ है। स्वाई व ककरी गांव में आग लगने के कारण चुन्नी शर्मा का तीन मंजिला घर व र भजन राम शर्मा की दो गौशालाएं जल कर राख हो गई हैं जिसमें कुछ पशु भी मारे गये हैं।
प्राप्त जानकारी अनुसार आज दोपहर बाद कुछ ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत गरोला के स्वाई व ककरी गांव से गुजरती हाई टेंशन विदुयत तारों में शार्टसर्किट के कारण वन भूमि व भवन में आग लगने की जानकारी दी। भवनों को आगजनी से बचाने के लिए स्थानीय लोगों ने अपने स्तर पर भरपूर प्रयास किए परंतु वे इन्हें बचाने में नाकाम रहे। इस दौरान स्थानीय विधायक डॉ जनक राज भी अपने दलबल के साथ घटना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने मौके से स्थानीय प्रशासन को राहत व बचाव अभियान को तेज करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवारों को सरकार की ओर से हर सम्भव मदद उपलब्ध करवाने का प्रयास किया जाएगा।स्थानीय ग्रामीणों के योगदान और सहयोग से इस हादसे पर नियंत्रण पाने की कोशिशें जारी हैं ।
गौरतलब है कि भरमौर उपमंडल के विभिन्न भागों में इस समय आग ने तांडव मचा रखा। क्षेत्र के स्वाई जंगल के अतिरिक्त ग्राम पंचायत सियूंर के ग्रामीण भागों के साथ-साथ भारी वन सम्पदा को नुकसान हुआ है। ग्राम पंचायत सियूंर के उप प्रधान पवन कुमार ने कहा कि सियूंर पंचायत के रैटण, जरेड़, धुआं, गुआड़,सियूंर, अगासण गांवों के आस पास के वन आग की भेंट चढ़ गए हैं । आग बुझाने के लिए वन विभाग के प्रयास बोने साबित हो रहे हैं। वन कर्मियों के पास ने तो आग बुझाने के पर्याप्त यंत्र व सुरक्षा उपकरण हैं व न ही विभागीय अधिकारियों का स्थानीय लोगों के साथ मजबूत संवाद तंत्र है जिस कारण आग लगातार फैल रही है। उन्होंने कहा कि घुआं गांव के कुछ परिवारों का खेत में रखा घास आग की भेंट चढ़ गया है। उप प्रधान ने कहा कि उनके आस पास के जंगलों में आगजनी की घटना हर वर्ष होती है परंतु इसे रोकने के लिए विभाग के पास कोई योजना नहीं दिख रही।
सिंयूर की ओर से बढ़ती हुई आग आज दोपहर ग्राम पंचायत गरीमा तक पहुंच गई। देखते ही देखते आग ने सेब के बगीचों को अपनी चपेट में ले लिया। ग्रामीणों ने आग पर पर काबू पाने के लिए मोर्चा तो सम्भाला इसके बावजूद यहां भी फलदार पौधों को झुलसा ही गई।
वन मंडल अधिकारी भरमौर नवनाथ माने ने इस संदर्भ में जानकारी देते हुए कहा कि करीब डेढ माह से क्षेत्र में वर्षा नहीं हुई है वहीं पतझड़ मौसम के कारण जंगल व ग्रामीण क्षेत्र में गिरी सुखी पत्तियां तुरंत आग पकड़ लेती हैं। ऐसे में इस मौसम आगजनी की घटनाएं हो रही हैं। इस आगजनी के क्या कारण हो सकते हैं, के जवाब में उन्होंने कहा कि अधिकतर मामलों में लोगों की लापरवाही व अगले वर्ष वन भूमि में पशुओं के लिए घास उपजाने की भ्रमित जानकारी के कारण वनों में आग लग रही है। उन्होंने कहा कि आग पर काबू पाने के पाने के भरपूर प्रयास किए जा रहे हैं। वन मंडल भरमौर के अंतर्गत आने वाले गांवों में वनों को आग से बचाने के लिए जागरूक किया जा रहा है। स्वाई व सियूंर बीट की आग को बुझाने के लिए तमाम कर्मचारी अधिकारी अपना योगदान दे रहे हैं।
गत दिवस ग्राम पंचायत खणी के अर्की बीट में भ्याट क्षेत्र के जंगल में वीरवार देर शाम आग लग ई थी जिसे स्थानीय युवाओं ने आगे बढ़कर काबू पा लिया अन्यथा यह आग गांव, बगीचों और वन सम्पदा को भारी हानि पहुंचा सकती थी । पंचायत के अशोक ठाकुर, संजीव कुमार, मनीष ठाकुर, राजेश, चमन, सुनील, अजय, सूजल, ने गांव से पानी भर-भरकर जंगल की आग को बुझाने में अपना सहयोग दिया । विधायक डॉ जनक राज ने इन युवकों के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि जब सब लोग दीपावली त्यौहार की खुशियां मनाने में जुटे थे उस समय खणी पंचायत के इन युवाओं ने अपने गांव व वनों को आग से बचाने का सराहनीय कार्य किया है।
आगजनी की घटनाओं पर स्थानीय विधायक डॉ जनक राज बताते हैं कि आग से निपटने के लिए वन विभाग को पहले अपने कर्मचारियों को सक्षम बनाना होगा। जिसके लिए उनके पास आवश्यक अग्निशमन व सुरक्षा यंत्र होने आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी वन कर्मियों को बिना किसी सुरक्षा उपकरण के आगबुझाने के काम पर भेज देते हैं जिससे कर्मचारी अपना सौ प्रतिशत नहीं दे पाते। इसके अलावा विबाग व ग्रामीणों के बीच संवाद का अभाव होने के कारण लोगों को वनो को आग से बचाने की तकनीक पता नहीं होती इसलिए भी आग पर नियंत्राण नहीं हो पाता । उन्होंने वन विभाग को निर्देश दिए कि वे हर गांव में ऐसी समितियों का गठन करके उन्हें प्रशिक्षित करें जो आगजनी के दौरान तत्काल सक्रिय होकर कार्य करें।