घोघड़, चम्बा 07 जनवरी : । आज दिनांक 7 जनवरी 2024 को एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय खणी के निर्माण के संदर्भ में ग्राम पंचायत खणी के द्रोबी प्रांगण में एक बैठक का आयोजन किया गया ग्राम पंचायत खणी , ग्रीमा और आस पड़ोस की स्थानीय पंचायतों के लोगों ने जिसमें पंचायत समिति भरमौर सदस्या सलोचना देवी , ग्राम पंचायत खणी के उप प्रधान सुनील कुमार , ग्राम पंचायत ग्रीमा की प्रधान रजनी देवी , ग्राम पंचायत खणी के पूर्व उप – प्रधान रिंकेश कुमार तथा अन्य कई लोगों ने एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय खणी के भवन निर्माण कार्य में विलम्भ होने के संदर्भ में अपने – अपने विचार रखे । इस दौरान लोगों ने मुख्य बिदुओं पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि सरकार ने एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय भरमौर के लिए खणी नामक स्थान पर भूमि चयनित कर वहां निर्माण कार्य भी आरम्भ करवाया था। जिसके लिए दर्जनों चीड़ व देवदार के पेड़ों को भी काटा गया, लोगों ने संस्थान के ढांचागत निर्माण तक पहुंचने के लिए अपनी भूमि ही नहीं बल्कि घरों तक को गिरा दिया। लेकिन कुछ वर्षों से इस स्थान पर स्कूल भवन के निर्माण को लेकर सरकार टालमटोल करती दिख रही क्योंकि न तो चयनित स्थान पर स्कूल भवन का निर्माण कार्य किया जा रहा है व न ही सरकार के अधिकारी इस विषय में अपना मुंह खोल रहे हैं जिससे स्थानीय लोगों मे रोष पनपने लगा है।
इसी मामले को निपटाने के लिए खणी में हुई आज की बठक में एकलव्य विद्यालय निर्माण संघर्ष मोर्चा का गठन किया गया और सर्वसम्मति से दीपक सिंह ( लमणौता ) को अध्यक्ष नियुक्त किया गया । उक्त संघर्ष मोर्चा एकलव्य आदर्श विद्यालय भवन निर्माण में हो रही देरी तथा इस विद्यालय को होली स्थानांतरित होने की अफवाहों की हकीकत की जांच पड़ताल करेगा व आगामी आवश्यक कार्यवाही की रणनीति तैयार करेगा ।
इस समिति के सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार यह संघर्ष मोर्चा कई स्कूल के भवन निर्माण के लिए संस्थान,प्रशासन व सरकार से कई चरणों की बातचीत करेगा अगर इससे भी बात हल नहीं होती तो संघर्ष मोर्चा न्यायालय की शरण में जाने तक को तैयार है।
गौरतलब है कि इस संस्थान की कक्षाएं इस समय होली स्थित पर्वतारोहण विभाग के भवन में चलाई जा रही हैं। जबकि करीब पांच वर्ष पूर्व खणी में भवन निर्माण के लिए कार्य भी आरम्भ किया गया था जोकि अभी बंद है। लोगों का कहना है कि खणी जनजातीय क्षेत्र भरमौर का मध्यस्थान है जहां हर पंचायत के अभिभावकों व बच्चों को पहुंचना आसान व सुरक्षित है।