घोघड़, 25 चम्बा अप्रैल : भरमौर उपमंडल में निर्माणाधीन जलविद्युत परियोजनाओं में कार्यरत आधा दर्जन कंपनियों की कार्यशैली से स्थानीय लोग असंतुष्ट हैं । परियोजना निर्माण के लिए कम्पनियों द्वारा भारी भरकम मशीनरी व उपकरण इस पहाड़ी भूभाग की सड़कों पर से ढोए जा रहे हैं। जिससे सड़कों के धंसने व कम्पनी के ट्रालों का बीच सड़क में फंसने के कारण कई कई घंटों तक यातायात ठप्प रहने की समस्याएं उत्पन्न होती रही हैं। परियोजनाओं के निर्माण से कई गांवों के अस्तित्व को खतरा हो गया तो वनों, पेयजल स्रोतों, रावी नदी के साफ जल की ट्राउट मछली व पर्यावरण को जो नुकसान हुआ सो अलग। इतना सारा नुक्सान स्तानीय लोगों द्वारा झेलने के बाद यहां के लोगों को कुछ भी हासिल होता नहीं दिख रहा है। सरकार इस क्षेत्र के संसाधनों का दोहन करके करीब एक हजार मैगावॉट बिजली उत्पादन के लक्ष्य की ओर बढ़ रही है। परंतु निर्माण कार्य से तहस नहस किए भरमौर उपमंडल को इससे कितना लाभ हुआ इसका लेखा-जोखा जनता को देने के लिए कोई तैयार नहीं है।
क्षेत्र के समाज सेवक नवीन कुमार ने इस सम्बंध में उपमंडलाधिकारी भरमौर को एक शिकायत पत्र सौंप कर विद्युत परियोजना निरमाण में जुटी जेएसडब्लयू, भूमि, एन्ड्रीज, ग्रेहाउंडज नामक कम्पनियों के शिकायत कर कार्रवाई करने की मांग की है। नवीन कुमार शिकायत में बताते हैं कि खड़ामुख-होली सड़क मार्ग एक सप्ताह से अधिक समय से अवरुद्ध है। इससे पूर्व भी कई बार भूस्खलन के कारण इस स्थान पर सड़क अवरुद्ध हो चुकी है। इस स्थान पर भूस्खलन आरम्भ होना अचानक आरम्भ नहीं हुआ बल्कि परियोजना निर्माण में जुटी कम्पनियों द्वारा अवैज्ञानिक तरीके से पहाड़ को काटा गया है। ऐसा केवल एक स्थान पर ही नहीं अपितु चम्बा-भरमौर-होली सड़क मार्ग पर कई स्थानों पर किया गया है। जिस कारण भूस्खलन की एक प्रकार की श्ृंखला आरम्भ हो गई है। अवैज्ञानिक तरीके से ब्लास्टिंग के कारण गाँव उलांसा के नीचे वाले भाग में भूस्खलन आरम्भ हो चुका है जो रुका नहीं तो भारी नुकसान होगा।
उन्होंने कहा कि कंपनी द्वारा ब्लास्टिंग के कारण दुंदा पुल के पास शिव मंदिर टूट गया है जिससे हिन्दू आस्था को ठेस पहुंची है अतः इसका तुरंत जीर्णोद्धार किया जाए।
खड़ामुख में सड़क मार्ग अवरुद्ध होने के बाद वैकल्पिक मार्ग सिंयूर से यातायात आरम्भ हुआ है जिस कारण लकड़ी के इस पुल पर दबाव बढ़ गया है। ऐसे में इस पुल का उपयोग केवल हल्के वाहनों केआवागमन और केवल आपात स्थिति में ही किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कंपनी नियमों को ताक पर रखकर मजदूरों को भर्ती कर रही और निकाल रही है जिससे मजदूरों का शोषण हो रहा है । कंपनी सरकार के रोजगार विभाग कार्यलयों के माध्यम से भर्ती के बजाए प्रभावशाली लोगों की शिफारिश पर कर रही हैं जिससे क्षेत्र स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा। उन्होंने मांग की कि प्रशासन व सरकार कंपनी को बाध्य करें कि जब भी कोई कम्पनी रिक्त पदों को भरे तो उसकी सूचना अखबार के माध्यम से पहुंचाई जाए व भर्ती रोजगार कार्यालय भरमौर से की जाए।
नवीन कुमार के साथ अन्य स्थानीय लोगों ने मांग की है कि उपरोक्त मांगों पर तुर्त कार्र्वाई की जाए।