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घोघड़, चम्बा 09 मई : भारत की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत करने के उद्देश्य से सरकार समय-समय पर ब्लैकआउट (Blackout) जैसी महत्वपूर्ण व्यवस्थाओं का आयोजन करती है। यह एक एहतियाती कदम होता है, जो देश की जनता की जान-माल की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया जाता है, विशेषकर किसी युद्ध, हवाई हमले या आपदा की आशंका के दौरान। हाल ही में सरकार द्वारा जारी की गई एक विस्तृत एडवाइजरी में आम नागरिकों से ब्लैकआउट व अन्य आपातकालीन परिस्थितियों में अनुशासन और सजगता बरतने की अपील की गई है।

ब्लैकआउट के समय क्या करें?

सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में जिन बातों पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है, वे निम्नलिखित हैं:

  1. बिजली बुझाएं – घर, दुकान, प्रतिष्ठान की सभी लाइटें, इन्वर्टर आदि बन्द कर दें ताकि बाहर कोई रोशनी दिखाई न दे।

  2. एयर रेड सायरन बजने पर तुरंत शांतिपूर्वक अपने सुरक्षित स्थान पर जाएं और वहां शरण लें।

  3. अफवाहों से बचें और केवल प्रशासनिक दिशा-निर्देशों पर भरोसा करें।

  4. स्थानीय प्रशासन और सिविल डिफेंस स्वयंसेवकों का सहयोग करें।

  5. मॉकड्रिल को गंभीरता से लें, ताकि असली आपदा के समय उचित निर्णय ले सकें।

  6. परिवार को जागरूक बनाएं, घबराएं नहीं।

  7. मोबाइल या रेडियो पर सरकारी अलर्ट सुनें और उसका पालन करें।

  8. सुरक्षित बंकर या शरण स्थल की जानकारी पहले से रखें।

  9. घर में एक मजबूत कमरा तैयार रखें, जिसमें खिड़कियां न हों।

  10. शरणस्थल तक पहुँचने का रास्ता तय कर के रखें।

  11. जरूरी वस्तुएं तैयार रखें – 3 दिन का पीने का पानी, सूखा भोजन (जैसे बिस्कुट, ड्राई फूड)।

  12. प्राथमिक उपचार किट, टॉर्च व एक्स्ट्रा सेल्स रखें।

  13. आवश्यक दस्तावेज जैसे पहचान पत्र, मेडिकल रिपोर्ट सुरक्षित रखें।

  14. खिड़कियों पर मोटा काला कागज लगाएं, ताकि रोशनी बाहर न जाए।

  15. शीशे से दूर रहें, और जरूरत पड़ने पर जमीन पर लेट जाएं।

  16. हवाई हमले के बाद सरकारी आदेश के बिना बाहर न निकलें।

  17. घायल हों तो प्राथमिक उपचार करें।

  18. संदिग्ध वस्तु या बम दिखे तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।

  19. सड़क पर वाहन चला रहे हों तो किनारे खड़ा कर लाइट बंद कर दें।

  20. प्रशासन के सभी निर्देशों का पालन सुनिश्चित करें।

  21. देशहित में घर/दुकान आदि की रोशनी पूर्णतः बंद रखें।

  22. हवाई हमले का संकेत – 2 मिनट तक ऊँची-नीची आवाज में सायरन, और खतरा टलने पर 2 मिनट की एक समान आवाज।

क्यों जरूरी है यह एडवाइजरी?

इस प्रकार की एडवाइजरी का पालन करना हर नागरिक का देश के प्रति कर्तव्य है। युद्ध या आपातकालीन स्थितियों में अंधेरा रखने से दुश्मन को निशाना तय करने में कठिनाई होती है, जिससे जान-माल की रक्षा की जा सकती है। यह एक प्रकार की सामूहिक सुरक्षा रणनीति है जिसमें सरकार और नागरिक दोनों की भागीदारी जरूरी है।

सरकार की एडवाइजरी केवल एक चेतावनी नहीं, बल्कि एक जीवन रक्षक मार्गदर्शिका है। यदि प्रत्येक नागरिक इसे गंभीरता से ले, अभ्यास करे और अपने आस-पास के लोगों को भी जागरूक करे, तो हम किसी भी आपदा या संकट से मजबूती से निपट सकते हैं। सुरक्षा में सजग नागरिक सबसे बड़ी ताकत होते हैं।


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