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घोघड़, चम्बा 23 मार्च : जनजातीय विकास खंड भरमौर में ग्राम पंचायतों द्वारा बिना टैंडर प्रक्रिया के सीसी कैमरे, एलईडी टीवी व म्यूजिक सिस्टम खरीद मामले में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी भरमौर ने जांच आरम्भ कर दी है। गत दिवस उन्होंने इस मामले में खंड विकास अधिकारी भरमौर रमनवीर चौहान को नोटिस भेजते हुए ग्राम पंचायतों द्वारा सीसी कैमरे, एलईडी टीवी व म्यूजिक सिस्टम खरीद का समूचा ब्यौरा दो दिन के भीतर उनके कार्यालय में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी भरमौर कुलबीर सिंह राणा ने इस संदर्भ में कुछ ग्राम पंचायत कार्यालयों में दबिश देकर मामले की छानबीन भी की है। सूत्रों के अनुसार अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी भरमौर को इस मामले में पुख्ता सबूत मिले हैं इसलिए उन्होंने जांच की जिम्मेदारी स्वयं सम्भाल ली है।

अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि पंचायतों द्वारा खरीदी गई सामग्री के भुगतान पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं । उन्होंने कहा कि वे इस मामले की स्वयं जांच करेंगे।

गौरतलब है कि घोघड़ ने इस मामले का खुलासा 06 मार्च को खबर लिख कर किया था जिस पर स्थानीय प्रशासन ने अपनी जांच आरम्भ कर दी है। घोघड़ ने खुलासा किया था कि ग्राम पंचायतों में सीसी कैमरे, एलईडी टीवी व म्यूजिक सिस्टम स्थापित किए गए हैं परंतु ग्राम पंचायतों ने इसकी खरीद के लिए कोई टैंडर प्रक्रिया नहीं अपनाई है।

घोघड़ न्यूज ने जब इस बारे में पंचायत सचिवों व प्रधानों से पूछा तो किसी भी पंचायत सचिव ने मुंह नहीं खोला जबकि तीन पंचायत प्रधानों के अलावा सभी मामले से अनभिज्ञता जताते रहे । इस दौरान कुछ पंचायत सचिव व प्रधान मिलकर सीसी कैमरे, एलईडी टीवी व म्यूजिक सिस्टम के बिल का चुपके से भुगतान भी करते रहे।

 इस समय प्रशासन के पास सामान्य प्रश्न यह हैं कि प्रत्येक पंचायत को यह सामग्री किसने और क्यों दी ? पंचायतों को 99,957 रुपए के थमाए गए बिलों का भुगतान किसे किया जा रहा है ? जब यह सामग्री पंचायतों ने प्राप्त की तो प्राप्ति (Receipt) किसे दी गई थी ? ग्राम पंचायत सचिव व प्रधानों को बिना खरीदे जब यह सामग्री प्राप्त हुई तो उन्होंने इसकी सूचना प्रशासन को क्यों नहीं दी ? जबकि बड़ा प्रश्न तो यह है कि जिन पंचायतों ने अवैध तरीके से इस सामग्री का भुगतान कर दिया है उसकी भरपाई कैसे की जाएगी व अपराध सिद्ध होने की स्थिति में पंचायत सचिवों व प्रधान को क्या सजा मिलेगी ? 

जिन पंचायत प्रधानों ने इस खरीद में गड़बड़झाले की सम्भावना जताई थी उनका खुलासा इस समय नहीं कि जा सकता क्योंकि उनपर अधिकारियों का दबाव बढ़ने की आशंका है। भ्रष्टाचार के मामले को सामने लाने में सहयोग करने वाले उन पंचायत प्रधानों के नाम का खुलासा उचित समय पर किया जाएगा ।


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