घोघड़, ऊना, 30 जनवरी : जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और उपायुक्त जतिन लाल ने पतंगबाजी को लेकर एडवाइजरी जारी करते हुए चाइनीज मांझे के इस्तेमाल पर कड़ा प्रतिबंध लगाया है। उन्होंने कहा कि चाइनीज डोर का निर्माण, बिक्री और उपयोग गैरकानूनी है। यदि कोई इसका व्यापार करता है तो नागरिकों को तुरंत इसकी सूचना पुलिस या प्रशासन को देनी चाहिए।
चाइनीज मांझा न केवल इंसानों के लिए बल्कि पशु-पक्षियों के लिए भी अत्यधिक खतरनाक है। यह मांझा शीशे, प्लास्टिक और धातु से बना होता है, जिससे यह सामान्य डोर की तुलना में कहीं अधिक धारदार और मजबूत हो जाता है। पतंगबाजी के दौरान यह मांझा पक्षियों के पंख और गर्दन में फंसकर गंभीर चोट पहुंचा सकता है, जिससे उनकी मौत तक हो सकती है।
बाइक सवारों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है चाइनीज मांझा
चाइनीज मांझे की वजह से कई बाइक और स्कूटर सवार दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं। सड़क पर तेज गति से चलते समय यह मांझा उनके चेहरे या गले में उलझ सकता है, जिससे गंभीर चोटें या यहां तक कि जान जाने का खतरा भी बना रहता है। इसके अलावा, चाइनीज डोर में धातु होने के कारण बिजली के तारों में फंसने से शॉर्ट सर्किट और करंट लगने जैसी घटनाएं भी सामने आई हैं, जो बड़े हादसों को जन्म दे सकती हैं।
सुरक्षित पतंगबाजी के लिए एहतियाती उपाय
उपायुक्त जतिन लाल ने लोगों से अपील की कि वे पतंगबाजी के दौरान केवल पारंपरिक सूती या कपास के धागे से बनी डोर का उपयोग करें। साथ ही, निम्नलिखित सुरक्षा उपायों को अपनाने की सलाह दी गई है—
✅ केवल खुले मैदानों या सुरक्षित स्थानों पर ही पतंग उड़ाएं।
✅ सड़क, बिजली के तारों और ऊंची इमारतों के पास पतंगबाजी करने से बचें।
✅ बाइक और स्कूटर सवार हेलमेट व फेस कवर का अनिवार्य रूप से उपयोग करें।
✅ यदि किसी को मांझे से चोट लग जाए, तो तुरंत प्राथमिक उपचार करें और जरूरत पड़ने पर अस्पताल ले जाएं।
जिला प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे सुरक्षित, पर्यावरण-अनुकूल और जिम्मेदार पतंगबाजी करें, जिससे न केवल उनकी बल्कि आसपास के लोगों और जीव-जंतुओं की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सके।