घोघड़ चम्बा 10 अक्तूबर : करीब दो दशक तक किराये के भवनों से निकल कर खंड स्तरीय आयुर्वैदिक अस्पताल भरमौर को अब अपना भवन मिल गया है। विभाग ने सारा सामान अपने नये भवन में स्थापित कर (ओपीडी) मरीजों की जांच आरम्भ कर दी है। दो बार निजि भवनों व एक बार लघुसचिवालय पट्टी के पास स्थित साडा भवन में किराये पर चल रहे इस अस्पताल को अपना भवन मिलने से विभागीय स्टाफ व स्थानीय लोग बहुत प्रसन्न है।

यह आयुर्वैदिक अस्पताल नागरिक अस्पताल भरमौर के साथ ही हैलिपैड के नीचे निर्मित हुआ है। 08 जुलाई 2019 को भाजपा सरकार के दौरान तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने इस अस्पताल भवन की आधारशिला रखी थी। इस अस्पताल में शल्य विशेषज्ञ, पंचकर्म विशेषज्ञ व महिला रोग विशेषज्ञ सेवाओं की व्यवस्था की घोषणा की गई थी।

उपमंडलीय आयुर्वैदिक चिकित्सा अधिकारी कुलतार चंद ने कहा कि इस नये भवन में ओपीडी आरम्भ कर दी गई है। आयुर्वैदिक पद्धति से अपना उपचार करवाने के लिए लोग चौरासी मंदिर के ऊपरी भाग में निर्मित इस नये अस्पताल भवन में सम्पर्क कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल में ढांचागत व अस्पताल के लिए आवश्यक सामान मौजूद है। 10 मरीजों को दाखिल कर सकने की क्षमता वाले इस अस्पताल में समूचे स्टाफ ने सामान व्यवस्थित कर कार्य आरम्भ कर दिया है। हालांकि अस्पताल में अभी एक चिकित्सक, स्टाफ नर्स, वार्ड बॉय के पद खाली हैं। जबकि उपमंडल भर में 12 चिकित्सकों व 07 एपीओ के पद भी खाली पड़े हैं। उप मंडलीय आर्वैदिक स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि क्षेत्र के खाली पदों को भरने के लिए सरकार को सूचित किया गया है उन्हें आसा है कि सरकार शीघ्र ही आयुर्वैदिक स्वास्थ्य केंद्रों के खाली पदों भर देगी। ऐसे में दूर दराज के आयुर्वैदिक स्वास्थ्य/उप स्वास्थ्य केंद्रों पर लोगों को मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाओं का अनुमान स्वतः ही लगाया जा सकता है।

गौरतलब है कि 76 लाख रुपये की लागत से बने इस आयुर्वैदिक अस्पताल का भवन एलोपैथी पद्धति वाले अस्पताल के साथ ही निर्मित हुआ है इससे मरीजों को उपचार के लिए दो अस्पतालों का विकल्प मिलेगा और इसके लिए उन्हें तब तक दूर दूर भटकना नहीं पड़ेगा जब तक कि एलोपैथिक पद्धति वाला नागरिक अस्पताल पट्टी में निर्माणाधीन भवन में स्थानांतरित नहीं हो जाता।