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घोघड़, चम्बा 15 अक्तूबर : स्थानीय निवासी अमित ठाकुर का फेसबुक लाईव आज दोपहर बाद लोगों की चर्चा का केंद्र बिन्दु रहा। लघुसचिवालय भरमौर के उपमंडलाधिकारी कार्यालय में फेसबुक लाईव के दौरान स्थानीय निवासी अमित अपने पेसबुक पर लाईव आकर उपमंडलाधिकारी भरमौर से अपनी एक पुरानी शिकायत पर हुई कार्यवाही की जानकारी मांगते हुए दिखते हैं । उपमंडलाधिकारी कुलबीर सिंह राणा उन्हें कैमरा बंद करने के लिए कहते हैं परंतु अमित अपने सवाल के जबाव के लिए डटे रहते हैं। इस दौरान उपमंडलाधिकारी वहां मौजूद कर्मचारियों को अमित को कार्यालय से बाहर ले जाने के लिए भी कहते हैं। चूंकि लाईव वीडियो के कारण वे भी अमित को हाथ लगाने से घबराते दिखते है। दोनों के बीच तल्खी बढ़ने लगती है तो उपमंडलाधिकारी पुलिस को वहां बुला लेते हैं और स्वयं वहां से अतिरिक्त जिलादंडाधिकारी कार्यालय में चले जाते हैं। करीब एक घंटे तक चले इस घटनाक्रम में पुलिस भी कार्यालय में पहुंच कर अमित को वहां से बाहर ले जाती है। इस दौरान अमित का लाईव प्रसारण जारी रहता है। उनके लाईव प्रसारण कुछ ही घंटो में हजारों लोगों ने देखा और सैकड़ों लोगों ने उस पर प्रतिक्रिया भी दी। उनके लाईव प्रसारण पर लोग उन्हें प्रोत्साहित कर रहे हैं। वे कमेंट करके प्रशासन को भ्रष्टाचार में लिप्त बता रहे हैं । कुछ लोगों ने कमेंट में लिखा कि सरकारी अधिकारी की ड्यूटी है कि वह आम जनता की शिकायतों का जबाव दे।

पूरे मामले में उपमंडलाधिकारी भरमौर का कहना है कि उक्त व्यक्ति अपनी शिकायत की कार्यवाही की रिपोर्ट मांग रहा था परंतु उसका तरीका गलत अशिष्ट था। इस दौरान कई लोगों की समस्या समाधान में बाधा उत्पन्न हुई लिहाजा पुलिस को बुलाकर यह जांच भी की गई कि कहीं वह शराब या अन्य नशे के प्रभाव में तो नहीं था। उन्होंने कहा कि अमित कुमार को उसकी शिकायत का लिखित जबाव दिया जाएगा।

अमित कुमार वीडियो में बताते हैं कि एक वर्ष पूर्व उसने उपमंडल कार्यालय भरमौर में ग्राम पंचायत प्रंघाला में स्थापित स्टोन क्रशर की शिकायत की थी । एक वर्ष के बाद बी उसकी शिकायत पर न कोई कार्यवाही की गई व न ही इसकी कोई सूचना उन्हें दी गई।

अमित कुमार के अनुसार आज जब वह इस बारे में जानकारी लेने उपमंडलाधिकारी कार्यालय जाने लगा तो उसने फेसबुक लाईव इसलिए शुरू कर दिया कि हो सकता कि उपमंडलाधिकारी के पास कोई जबाव न हो और वे खीझ कर झूठा केस कर दें। इसलिए अपना पक्ष मजबूत रखने के लिए फेसबुक लाईव करना पड़ा और जिस बात की आशंका थी वही हुआ भी। वीडियो में अमित ठाकुर कहीं भी अभद्र भाषा या व्यवहार का प्रयोग करते  नहीं दिख रहे हैं।

अमित कुमार के बारे में बताएं तो वे यहां के सभ्रांत परिवार से सम्बंध रखते हैं व समाजिक मुद्दों पर वे खुलकर बोलते हैं।

आज भले ही एक व्यक्ति ने प्रशासन द्वारा अनदेखी के खिलाफ आवाज उठाई है परंतु सैकड़ों लोग इसी प्रकार की आग सीने  में दबाए इसलिए शांत बैठे कि उन्हें लगता है कि उनकी आवाज पर कोई जबाव नहीं देगा। शासन प्रशासन को इस विषय पर गम्भीरता से मंथन कर लोगों के बीच पनप रहे रोष के कारण को समाप्त करने प्रयास करने होंगे। कहीं ऐसा न हो कल एक साथ बहुत से अमित इसी प्रकार अधिकारियों से जबाव मांगने निकल पड़ें और वे निरुत्तर हों।


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