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घोघड़, चम्बा 11 जून : भरमौर विधानसभा क्षेत्र में स्थापित जलविद्युत परियोजनाओं द्वारा स्थानीय विकास के लिए उपलब्ध कराई गई LADA (स्थानीय क्षेत्र विकास प्राधिकरण) और CSR (कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व) निधियों के उपयोग की अब विशेष ऑडिट करवाई जाएगी। यह निर्णय हाल ही में हुई हिमाचल प्रदेश विधानसभा की लोक लेखा समिति की बैठक में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता समिति के सभापति ने की।

इस संबंध में समिति की ओर से प्रधान महालेखाकार कार्यालय को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि इन फंडों के उपयोग की पूरी जांच की जाए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उपलब्ध धनराशि सही दिशा में और सही उद्देश्य के लिए खर्च हुई या नहीं।

भरमौर से विधायक डॉ. जनकराज ने कहा कि क्षेत्र में कई वर्षों से बड़ी जलविद्युत परियोजनाएं संचालित हो रही हैं, लेकिन इनके लाभ स्थानीय जनता तक पूरी तरह नहीं पहुंचे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि विकास के लिए निर्धारित फंड का सही तरीके से उपयोग नहीं किया गया, और निर्णय प्रक्रिया में ग्राम पंचायतों, बीडीसी सदस्यों, पंचायत प्रधानों और अन्य स्थानीय संस्थाओं को नजरअंदाज किया गया।

डॉ. जनकराज ने यह भी कहा कि अब यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर पैसा जो क्षेत्र के हिस्से में आता है, उसी के विकास पर खर्च हो। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ परियोजना कंपनियों ने CSR जैसी जिम्मेदारियों से बचने का प्रयास किया है, लेकिन अब ऐसा नहीं होने दिया जाएगा।

उन्होंने स्पष्ट किया कि विशेष ऑडिट में यदि कहीं भी गड़बड़ी सामने आती है तो संबंधित अधिकारियों और एजेंसियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। डॉ. जनकराज ने भरोसा दिलाया कि भरमौर की जनता के हितों की अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जलविद्युत परियोजनाओं के नाम पर किसी तरह का अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।


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