घोघड़, नई दिल्ली 23 फरवरी : भारत सरकार ने बिजली (उपभोक्ता अधिकार) नियम, 2020 में संशोधन को मंजूरी दे दी है। इस संशोधन को जारी करते हुए, केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर.के. सिंह ने कहा कि ये संशोधन नए बिजली कनेक्शन प्राप्त करने में लगने वाले समय को कम करेंगे और छत पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की प्रक्रिया को आसान बनाएंगे। केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि संशोधन बहुमंजिला फ्लैटों में रहने वाले उपभोक्ताओं को अपने कनेक्शन का प्रकार चुनने की सुविधा प्रदान करते हैं और आवासीय सोसायटियों में कॉमन एरिया और बैक-अप जनरेटर के लिए अलग बिलिंग की सुविधा प्रदान की गई है, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी। संशोधनों में उपभोक्ताओं की शिकायतों के मामले में बिजली की खपत को जांचने के लिए वितरण कंपनी द्वारा चेक मीटर लगाए जाने का भी प्रावधान है।
किए गए प्रमुख संशोधन इस प्रकार हैं :-
रूफटॉप सोलर सिस्टम की स्थापना करने में आसानी और तेजी
उपभोक्ताओं के परिसर में रूफटॉप सोलर पीवी सिस्टम स्थापित करने में आसानी बढ़ाने और तेजी से स्थापना की सुविधा के लिए नियमों में संशोधन किए गए हैं।
10 किलोवाट क्षमता तक की प्रणालियों के लिए तकनीकी व्यवहार्यता अध्ययन की आवश्यकता से छूट दी गई है। 10 किलोवाट से अधिक क्षमता की प्रणालियों के लिए, व्यवहार्यता अध्ययन को पूरा करने की समयसीमा को बीस दिन से घटाकर पंद्रह दिन कर दिया गया है। इसके अलावा, यदि अध्ययन निर्धारित समय में पूरा नहीं होता है, तो अनुमोदन प्रदान किया गया, माना जाएगा।
इसके अतिरिक्त, अब यह अनिवार्य कर दिया गया है कि 5 किलोवाट क्षमता तक की छत पर सौर पीवी प्रणालियों के लिए आवश्यक वितरण प्रणाली को मजबूत करने का काम वितरण कंपनी द्वारा अपनी लागत पर किया जाएगा।
इसके अलावा, वितरण लाइसेंसधारकों के लिए रूफटॉप सोलर पीवी सिस्टम चालू करने की समयसीमा तीस दिन से घटाकर पंद्रह दिन कर दी गई है।
इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों के लिए अलग से कनेक्शन
उपभोक्ता अब अपने इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को चार्ज करने के लिए अलग से बिजली कनेक्शन प्राप्त कर सकेंगे।
यह देश के कार्बन उत्सर्जन को कम करने और वर्ष 2070 तक नेट ज़ीरो के लक्ष्य को हासिल करने के अनुरूप है।
नए कनेक्शन और मौजूदा कनेक्शन में तेजी से बदलाव किए जाएंगे
नियमों के तहत नया बिजली कनेक्शन प्राप्त करने में लगने वाली समयावधि महानगरीय क्षेत्रों में सात दिन से घटाकर तीन दिन, अन्य नगर निगम क्षेत्रों में पंद्रह दिन से घटाकर सात दिन और ग्रामीण क्षेत्रों में तीस दिन से घटाकर पंद्रह दिन कर दी गई है। हालांकि, पहाड़ी इलाकों वाले ग्रामीण क्षेत्रों में नए कनेक्शन या मौजूदा कनेक्शन में संशोधन के लिए समयावधि तीस दिन ही रहेगी।
आवासीय कॉलोनियों और फ्लैटों में उपभोक्ताओं के लिए अतिरिक्त अधिकार
उपभोक्ताओं को चुनने की सुविधा देने और मीटरिंग एवं बिलिंग में अधिक पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए नियमों में प्रावधान पेश किए गए हैं।
सहकारी समूह हाउसिंग सोसाइटियों, बहुमंजिला इमारतों, आवासीय कॉलोनियों आदि में रहने वाले मालिकों के पास अब वितरण लाइसेंसधारकों के पास या तो सभी के लिए व्यक्तिगत कनेक्शन या पूरे परिसर के लिए एकल-बिंदु कनेक्शन चुनने का विकल्प होगा। इस विकल्प का प्रयोग वितरण कंपनी द्वारा किए जाने वाले पारदर्शी मतदान पर आधारित होगा। एकल-बिंदु कनेक्शन के माध्यम से बिजली की आपूर्ति पाने वाले उपभोक्ताओं और व्यक्तिगत कनेक्शन का लाभ उठाने वाले उपभोक्ताओं से लिए जाने वाले टैरिफ में भी समानता लाई गई है।
मीटरिंग, बिलिंग और संग्रहण अलग से किया जाएगा: (i) वितरण लाइसेंसधारक से प्राप्त व्यक्तिगत बिजली की खपत, (ii) आवासीय संघ द्वारा आपूर्ति की गई बैकअप बिजली की व्यक्तिगत खपत, और (iii) ऐसे आवासीय संघों के कॉमन एरिया के लिए बिजली की खपत, जो वितरण लाइसेंसधारक से प्राप्त की जाती है।
शिकायतों के मामलों में अतिरिक्त मीटर की आवश्यक सुविधा
शिकायतों के मामलों में अतिरिक्त मीटर की आवश्यक सुविधा ऐसे मामलों में जहां उपभोक्ता मीटर रीडिंग के उनकी वास्तविक बिजली खपत के अनुरूप नहीं होने की शिकायत करते हैं और वितरण लाइसेंसधारक को अब शिकायत मिलने की तिथि से पांच दिनों के भीतर एक अतिरिक्त मीटर स्थापित करना आवश्यक है। इस अतिरिक्त मीटर का उपयोग न्यूनतम तीन महीने की अवधि के लिए खपत को जांचने के लिए किया जाएगा, इस प्रकार उपभोक्ताओं को आश्वस्त किया जाएगा और बिलिंग में सटीकता सुनिश्चित की जाएगी।
विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि सरकार के लिए उपभोक्ताओं का हित सर्वोपरि है। इसी उद्देश्य से सरकार ने 31 दिसंबर, 2020 को बिजली (उपभोक्ता अधिकार) नियम, 2020 जारी किए, इस प्रकार पूरे भारत में विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं के लिए मानक निर्धारित किए गए। इन नियमों में बिलिंग, शिकायतें, मुआवजा और नए कनेक्शन की समयसीमा जैसे पहलू शामिल हैं। ये नियम प्रोज्यूमर (ऐसे व्यक्ति जो उपभोग और उत्पादन दोनों करते हैं) द्वारा नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन के लिए भी सहायता प्रदान करते हैं। विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि वर्तमान संशोधन उपभोक्ताओं को और सशक्त बनाएंगे।