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घोघड़, शिमला, 26 मई 2025 : शिमला जिले में आपदा प्रबंधन और आधारभूत संरचनाओं को सुदृढ़ करने के लिए जिला प्रशासन ने लगभग 100 करोड़ रुपये के तीन प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सोमवार को उपायुक्त अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में इन प्रस्तावों को राज्य आपदा प्रतिक्रिया निधि (SDRF) के पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए गए।

उपायुक्त कश्यप ने कहा कि आपदा संभावित क्षेत्रों में प्रभावी प्रबंधन के लिए SDRF का इस्तेमाल किया जाता है। वर्तमान में तीन महत्वपूर्ण प्रस्ताव तैयार कर लिए गए हैं और इन्हें पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है। अब इन्हें सरकार को मंजूरी के लिए भेजा जा रहा है, जिसके बाद आगामी कार्रवाई शुरू की जाएगी।

नालों के चैनलाइजेशन पर 85 करोड़ का खर्च

सबसे बड़ा प्रस्ताव शहर के नालों के चैनलाइजेशन के लिए है, जिसकी अनुमानित लागत 85 करोड़ रुपये है। यह कार्य नगर निगम शिमला के माध्यम से किया जाएगा। उपायुक्त ने नगर निगम को सभी आवश्यक औपचारिकताएं शीघ्र पूरी कर पोर्टल पर आवेदन करने को कहा, ताकि कार्य में देरी न हो। बरसात के समय तेज बहाव के कारण शहरवासियों को भारी परेशानी होती है, ऐसे में यह परियोजना बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

सिंकिंग जोन की मरम्मत और रिज मैदान में नई व्यवस्था

दूसरा प्रस्ताव लक्कड़ बाजार और रिज मैदान के बीच सिंकिंग जोन की मरम्मत से संबंधित है, जिसकी लागत 9.83 करोड़ रुपये आंकी गई है। इसके अंतर्गत रिज मैदान पर खड़े घोड़ों के लिए नई व्यवस्था की जाएगी और रेन शेल्टर भी बनाया जाएगा। अब घोड़े रिज पर नहीं बल्कि एक मंजिल नीचे खड़े होंगे। यह कार्य लोक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा किया जाएगा।

32 क्षेत्रों के लिए 12 करोड़ की विशेष योजना

तीसरे प्रस्ताव के अंतर्गत राज्य के 32 शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 12 करोड़ रुपये की विशेष योजना तैयार की गई है, जिसमें शिमला के रामपुर, नेरवा, कुफरी और चिड़गांव क्षेत्र शामिल हैं। इस योजना के तहत इन क्षेत्रों में मौजूदा भूमि और भवनों की स्थिति का अध्ययन किया जाएगा और भविष्य की विकास योजनाओं के लिए रिपोर्ट तैयार की जाएगी।

इस बैठक में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी ज्योति राणा समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।


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