घोघड़, चम्बा, 21 फरवरी : प्रसिद्ध चौरासी मंदिर प्रांगण से भारी आय अर्जित करने वाली ग्राम पंचायत भरमौर पर आरोप लगा है कि उसने स्टेट टाईम से बनी एक सराय भवन पर अवैध रूप से कब्जा कर उस भवन से छेड़छाड़ की है जोकि सामान्य व मणिमहेश यात्रियों की सुविधा के लिए बनाई गई थी। चौरासी रिवाईवल कमेटी भरमौर के प्रधान मोहर सिंह राजपूत ने कहा कि उन्होंने राजस्व विभाग से ग्राम पंचायत भरमौर कार्यालय भवन के स्वामित्व के बारे में पूछा था तो विभाग ने कहा कि ग्राम पंचायत भरमौर के पास अपने कार्यालय भवन की कोई भूमि नहीं है। जिसके बाद उन्होंने इस भवन के स्वामित्व की पड़ताल की तो पता चला कि यह गैरमुमकिन सरकारी भूमि पर निर्मित एक सराय भवन है जिसका निर्माण वर्ष 1913 में तत्कालीन रियासत के राजा राजा भूरी सिंह ने अपने दिवंगत भाई राजा शाम सिंह की याद में मणिमहेश यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए करवाया था।
मोहर सिंह राजपूत ने कहा कि ग्राम पंचायत द्वारा इस भवन पर न केवल अवैध कब्जा कर रखा है बल्कि इस ऐतिहासिक महत्व के भवन के साथ बिना विशेषज्ञों की अनुमति व परामर्श के छेड़छाड़ भी की गई है। इतना ही नहीं पंचायत ने रियासत काल में बनी इस धर्मशाला पर लगी नाम पट्टिका को भी तोड़ दिया है। मोहर सिंह राजपूत ने प्रशासन से मांग की है कि इस विषय पर तुरंत जांच कमेटी गठित कर पड़ताल की जाए व नाम पट्टिका तोड़ने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने मांग की है कि इस भवन को तुरंत खाली करवा कर यात्री सराय के रूप में प्रयोग किया जाए।
उन्होंने कहा कि प्रधान ने इस धर्मशाला भवन को पंचायत भवन बताकर इसकी मुरम्मत के नाम पर इस प्राचीन धरोहर के साथ छेड़छाड़ की है । रियासत काल के राजा भूरी सिंह द्वारा अपने भाई राजा शाम सिंह की याद में बनाई इस धर्मशाला को दर्शाती प्राचीन पट्टिका को तोड़ कर फैंक दिया गया था जिसके टुकड़ों को उन्होंने खोजकर पंचायत के हवाले किया है।
इस मुद्दे पर स्थानीय विधायक डॉ जनक राज भी मुखर दिखे उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे को विधानसभा में तारांकित प्रश्न के रूप में रखेंगे।उन्होंने कहा कि इस धर्मशाला पर किए गए अतिक्रमण को छुड़वाने और ऐतिहासिक धरोहर से छेड़छाड़ और नुक़सान पहुँचाने वाले तत्वों को सजा आवश्य मिलनी चाहिए।
उधर इस बारे में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी भरमौर कुलबीर सिंह राणा ने कहा कि मामला उनके ध्यान में आया है जिसकी जांच करने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
हालांकि ग्राम पंचायत भरमौर प्रधान ने अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी को पत्र लिख कर स्वीकार किया है कि 65-70 वर्षों से ग्राम पंचायत भरमौर का कार्यालय इसी भवन में चल रहा है व वे इसका रख रखाव भी करते हैं।