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घोघड़, चम्बा 12 मार्च : कार्य का नाम – चम्बा जिला के पांगी भरमौर विस के अंतर्गत होली घाटी के स्थानों पर रावी नदी के कारण कटाव व भूस्खलन के कारण कई गांवों के धंसने का खतरा बना हुआ है। जिनमें से झड़ौता, सलूण, कुलेठ व बटोला प्रमुख नाम हैं। इन गांवों को इस खतरे से बचाने के लिए गत वर्ष स्थानीय विधायक डॉ जनक राज ने लोनिवि से नुकसान व भूमिकटाव से बचाव की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करवा सरकार को भेजी थी। जिसके बाद राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि से इस कार्य के लिए 19.33 करोड़ की राशि स्वीकृत हो गई है।

विधायक जनक राज ने इस बारे जानकारी देते हुए कहा कि सलूण गांव भरमौर विधानसभा क्षेत्र के सुदूर जनजातीय क्षेत्र में स्थित है। जुलाई 2023 में रावी नदी में भारी बाढ़ के कारण भूस्खलन, कृषि और आवासीय क्षेत्र के निपटान के कारण भारी नुकसान का सामना करना पड़ा। लगभग 20 एकड़ कृषि भूमि और 14 परिवार खतरे के कगार पर आ गए हैं

नदी में भारी बाढ़ से कृषि एवं आवासीय क्षेत्र भू-भाग लगातार तबाह हो रहा है । 8 से 10 जुलाई 2023 को इस भूभाग का दौरा कर आकलन तैयार किया गया था यह क्षेत्र पिछले कई वर्षों से लगातार नुकसान और भारी क्षति का सामना कर रहा है, जिसे कृषि भूमि, क्षरण और खतरे के नुकसान से बचने के लिए तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है। मानव जीवन के खतरे को कम करने के उपाय के दृष्टिगत यहां 4.23 करोड़ की लागत से ब्रेस्ट और रिटेनिंग वॉल/वायर क्रेट का कार्य किया जाएगा। 

विधायक ने कहा कि जुलाई 2023  के दौरान तियारी कलाह सड़क और गांव बटोला को भी भूस्खलन, रावी नदी में भारी बाढ़ के कारण कृषि और आवासीय क्षेत्र को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था। जिससे लगभग 25 एकड़ कृषि भूमि और 25 परिवार खतरे के कगार पर आ गए हैं। इस परियोजना का उद्देश्य मूल्यवान कृषि भूमि, मकानों और भविष्य में मानव जीवन के खतरे की रक्षा करना है। तियारी कलाह सड़क और गांव बटोला की सुरक्षा के लिए बटोला घार शमन कार्य के लिए 5.70 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

डॉ जनक राज ने कहा कि ग्राम पंचायत कुलेठ में जुलाई 2023 के दौरान रावी नदी में भारी बाढ़ के कारण  क्षेत्र में भारी भूस्खलन, कृषि और आवासीय क्षेत्र को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा था। लगभग 100 एकड़ कृषि भूमि और 230 परिवार खतरे में  आ गए हैं। इस परियोजना का उद्देश्य मूल्यवान कृषि भूमि, मकान स्वामित्व और भविष्य में मानव जीवन के खतरे की रक्षा करना है। इस भू-भाग में भूमिकटाव  से लगभग चार पंचायत क्षेत्र की 9000 आबादी वाले बड़े क्षेत्र के लिए खतरा पैदा हो गया है। इस घार के कारण इन पंचायतों का शेष विश्व से भूसम्पर्क टूट सकता है। केएसपीए सड़क और गांव कुलेठ की सुरक्षा के लिए कुलेठ घार के शमन कार्य के लिए प्रारंभिक परियोजना रिपोर्ट अनुसार अनुमानित 6.10 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

विधायक ने कहा कि झड़ौता गांव भी पिछले कई वर्षों से  भूस्खलन व विद्युत परियोजना निर्माण कार्य से प्भावित हो रहा है। जुलाई 2023 के दौरान क्षेत्र में भारी भूस्खलन के  कारण कृषि और आवासीय क्षेत्र को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है।जिससे लगभग 80 एकड़ कृषि भूमि और 85 परिवार खतरे के कगार पर हैं। इस परियोजना का उद्देश्य मूल्यवान कृषि भूमि, मकान स्वामित्व और भविष्य में मानव जीवन के खतरे की रक्षा करना है। जिसके लिए केएसपीए सड़क और गांव झड़ौता जिला चंबा की सुरक्षा के लिए झड़ौता घार के शमन कार्य के लिए प्रारंभिक परियोजना रिपोर्ट अनुसार खतरे को कम करने के उपाय के तहत यहां सुरक्षा दीवार और रिटेनिंग दीवार / तार क्रेट के कार्य पर 3.25 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। 

उन्होंने कहा कि यह कार्य शीघ्र आरम्भ कर दिए जाएंगे ताकि प्रभावित गांवों को जल्द सुरक्षा मिल सके। विधायक डॉ जनक राज ने कहा कि वे क्षेत्र के विकास के लिए हर सम्भव प्रयास कर रहे हैं।

 

 


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