घोघड़, चम्बा 21 अक्तूबर : भरमौर मुख्यालय में पेयजलापूर्ति भंडारण टेंक में आज सुबह एक बछड़े का शव तैरता पाया गया है। आज सुबह खेतों में काम करने जा रहे कुछ लोगों ने नड्ड नामक स्थान पर स्थापित पेयजल भंडरण टेंक से गुजरते हुए उसमें एक पशु का शव तैरते देखा। उन्होंने उसे बाहर निकालने का प्रयास तो किया परंतु पशु का भार अधिक होने के कारण वे इसे बाहर नहीं निकाल पाए।
लोगों ने इसकी सूचना जलशक्ति विभाग के कनिष्ठ अभियंता मंगल सिंह को दी तो उन्होंने अपने कर्मचारियों को मौके पर भेजा। कर्मचारियों ने स्थानीय लोगों की सहायता से बछड़े के शव को बाहर निकाला। कनिष्ठ अभियंता ने कहा कि पेयजल भंडारण टेंक को खाली करके साफ किया जा रहा है। जिन्हें दुबारा भरने में तीन से चार घंटे का समय लग सकता है।
उन्होंने कहा कि पूरे जलाशय की बाड़बंदी की गई है पड़ताल करने पर पता चला कि एक स्थान पर बाड़बंदी की तार कुछ ढीली हो गई है हो सकता है यह वहां से ही भीतर पहुंचा हो। आज सुबह ही विभागीय कर्मचारियों ने इस जलाशय में ब्लीचिंग पाउडर डाला था उस समय यह पशु वहां नहीं था।
बछड़ा किसका था अभी यह पता नहीं चल पाया है। माना जा रहा है कि बहुत से पशुओं को बेसहारा छोड़ दिया जाता है जो कि इधर उधर भटकते रहते हैं, यह भी उन्हीं में से हो सकता है।
कनिष्ठ अभियंता ने कहा कि विभाग लोगों को स्वच्छ पेयजलापूर्ति के लिए प्रतिबद्ध है।
पेयजल भंडारण टेंक में पशु का शव मिलने की यह पहली घटना नहीं है, दो वर्ष पूर्व भी भरमाणी नाला में एक गाय का शव गली-सड़ी अवस्था मिला था जिसकी अंतड़ियां गोरपटा नामक गांव में एक घर के नल से निकली थीं।
गौरतलब है कि भरमाणी पेयजल स्रोत से बह रहे पानी को नड्ड नामक स्थान पर नाले से उठाकर सीधे भंडारण टेंकों में डाल दिया गया है। जहां से इसे मुख्यालय के विभिन्न गावों में भेज दिया जाता है।
विभागीय सहायक अभियंता विवेक चंदेल बताते हैं कि नड्ड में स्थापित टेंकों में पानी को फिल्टर करके व उसमें ब्लीचिंग पाऊडर डाल कर स्वच्छ बनाया जाता है।