घोघड़, ऊना 28 दिसम्बर : केन्द्रीय सरकार द्वारा अधिसूचित 33 आपदाओं में से 25 आपदाऐं हिमाचल प्रदेश में मौजूद हैं और यह क्षेत्र भूकंप, भूस्खलन, बाढ़, हिमस्खलन और सूखे सहित विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के लिए संवेदनशील है, जिसमें से भूकंप विशेष चिंता का विषय हैं। यह जानकारी देते हुए ज़िला आपदा प्रबन्धन समिति के अध्यक्ष एवं उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने बताया कि भूकम्प की दृष्टि से हिमाचल का लगभग 32 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र अत्यधिक संवेदन क्षेत्र यानि जोन 5 में आता है, जबकि शेष क्षेत्र जोन चार की श्रेणी में आता है तथा यह वर्गीकरण भूकंप की संवेदनशीलता के विभिन्न स्तरों को दर्शाता है।
उपायुक्त ने बताया कि भूकंप के प्रति संवेदनशीलता को कम करने के लिए सुरक्षित निर्माण पद्धतियों को बढ़ावा देना अति महत्वपूर्ण है। इस तरह की प्रथाएं न केवल आपदा के बाद होने वाली क्षति को कम करती हैं बल्कि मानव जीवन की भी रक्षा करती हैं। उन्होंने बताया कि भूकंप की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती, इस दृष्टि से भूकंप प्रतिरोधी भवन निर्माण की तकनीक के माध्यम से तैयारी महत्वपूर्ण है।
राघव शर्मा ने जानकारी दी कि पहाड़ी राज्य में भूकम्प प्रतिरोधी सुरक्षित निर्माण संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सेवानिवृत्त तकनीकी विशेषज्ञों का एक मजबूत पूल तैयार किया जा रहा है जो सुरक्षित भवन निर्माण के बारे में व्यापक जागरूकता पैदा करने में सहायक होगा। इस पूल में सेवानिवृत्त तकनीकी रूप से योग्य व पात्र व्यक्तियों जैसे जैई, एई, एक्सियन व एससी को शामिल किया गया है, जिन्होंने विभिन्न विभागों में अपनी सेवाएँ प्रदान करके अनुभव प्राप्त किया है। इनकी सेवाओं का सीधा-सीधा लाभ शहरी व ग्रामीण स्तर पर जो व्यक्ति मकान बनाने वाले व्यक्ति उठा पाएंगें।
उपायुक्त ने बताया कि अब तक हिमाचल में 29 सिविल इंजीनियर सुरक्षित निर्माण को बढ़ावा देने के लिए मकान बनाने वाले व्यक्ति को अपनी सेवाएं देने के लिए इच्छुक हैं। इन सिविल इंजीनियरों का विवरण राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की वेबसाइट पर उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि इस सम्बन्ध में किया गया समझौता घर बना रहे व्यक्ति व सेवा प्रदाता के बीच का आपसी समझोता माना जायेगा, जिसमें सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा।
उपायुक्त ने आह्वान किया है कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण राज्यभर में इच्छुक सेवानिवृत्त सिविल इंजीनियरों से अपनी जानकारी राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण वेबसाइट पर उपलब्ध करवाने का आग्रह करता है। ताकि संभावित खतरों को कम करने के लिए तकनिकी व्यक्तियों की सहायता से सुरक्षित निर्माणकार्यो को बढ़ावा मिल सके।