घोघड़, शिमला, 01 अप्रैल : हिमाचल प्रदेश में सड़क संपर्क को सुदृढ़ बनाने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY-III) के तहत 140.90 करोड़ रुपये की पुल परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने जानकारी दी कि ग्रामीण विकास मंत्रालय ने वर्ष 2024-25 के बैच-I में प्रस्तावित इन परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की है।
स्वीकृत परियोजनाओं में कुल 970.772 मीटर लंबाई के 21 पुलों का निर्माण किया जाएगा। इनमें से 126.81 करोड़ रुपये का वित्तीय भार केंद्र सरकार वहन करेगी, जबकि शेष 14.09 करोड़ रुपये राज्य सरकार द्वारा खर्च किए जाएंगे। इन पुलों के निर्माण से विशेषकर हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, लाहौल-स्पीति और मंडी जिलों में ग्रामीण क्षेत्रों का सड़क संपर्क मजबूत होगा।
हमीरपुर जिले में बसी से सरकाघाट मार्ग पर चैंथ खड्ड, सीर खड्ड और लिंडी खड्ड पर पुलों का उन्नयन किया जाएगा। इसके अलावा, बक्कर खड्ड, जमली खड्ड और घुडविन खड्ड पर भी पुलों का निर्माण होगा। अन्य महत्वपूर्ण पुलों में लाल घर नाला, मंजही खड्ड, देही खड्ड, धलियारा खड्ड, मनेड खड्ड और कहुली खड्ड शामिल हैं।
कांगड़ा जिले में मौल खड्ड पर 40 मीटर लंबा पीएससी बॉक्स गर्डर पुल बनाया जाएगा। कुल्लू जिले में संज खड्ड पर दो स्टील ट्रस पुलों का उन्नयन किया जाएगा। लाहौल-स्पीति जिले में चौखांग नाला, चेनाब नदी, किशोरी नाला, तैलिंग नाला और मूरिंग नाला पर पुलों को अपग्रेड किया जाएगा। मंडी जिले में पंडोह में ब्यास नदी पर 110 मीटर लंबे डबल-लेन मोटरेबल पुल का उन्नयन किया जाएगा।
विक्रमादित्य सिंह ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इन पुल परियोजनाओं को कुछ विशेष शर्तों के तहत मंजूरी दी गई है। निर्माण कार्य में उच्चतम गुणवत्ता मानकों का पालन सुनिश्चित करने के लिए जलग्रहण क्षेत्र की गणना, हाइड्रोलिक डेटा, भू-तकनीकी जांच और संरचनात्मक डिजाइनों का सत्यापन किया जाएगा।
परियोजना कार्यान्वयन की निगरानी के लिए विशेषज्ञों से युक्त पुल प्रबंधन प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा। इसके अलावा, स्वतंत्र निरीक्षकों की तैनाती और कठोर गुणवत्ता जांच मानकों का पालन किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि इन पुलों के निर्माण से दूरदराज के क्षेत्रों में सभी मौसमों में सड़क संपर्क सुनिश्चित होगा, जिससे ग्रामीण समुदायों की आवाजाही में आसानी होगी।
राज्य सरकार का उद्देश्य इन परियोजनाओं को समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरा करना है। अधोसंरचना विकास को गति देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और सुनिश्चित करेगी कि परियोजनाएं उच्च गुणवत्ता मानकों के साथ समय पर पूरी हों।