घोघड़,चम्बा 31 मार्च : आज एकलव्य जनजातीय विकास संस्था की मासिक बैठक हुई । इसी दौरान खणी पंचायत की विशेष ग्रामसभा का भी आयोजन किया गया। आज की इस बैठक में खणी पंचायत की जनता ने एकलव्य विद्यालय को खणी से संचालित करने के विषय को लेकर चर्चा की । बैठक में लोगों ने सरकार पर वर्षों से खणी पंचायत की जनता के साथ हो रहे भेदभाव लगाते हुए खणी पंचायत के लोगों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय किया । बैठक में खणी पंचायत के प्रधान श्याम ठाकुर, उपप्रधान सुनील कुमार, पूर्व उपप्रधान रिंकेश ठाकुर, एकलव्य जनजातीय विकास संस्था के अध्यक्ष दीपक जम्वाल व समस्त कमेटी सदस्य इस बैठक में उपस्थित रहे।
आपको बता दें कि इस जनजातीय क्षेत्र के बच्चों को आवासीय विद्यालय के रूप एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय स्वीकृत है। खणी नामक स्थान के लिए स्वूकृत हुए इस विद्यालय की मौजूदा स्थिति की अस्पष्टता के कारण लोग अशांत होने लगे हैं। प्रशासन व सरकार लोगों को स्कूल के स्थाई संचालन स्थल का विश्वास दिलाने असफल रहे हैं। इस समय होली नामक स्थान में पर्वतारोहण विभाग के भवन से संचालित हो रहे इस संस्थान के लिए खणी नामक स्थान में भूमि स्वीकृत हुई थी जहां संस्थान के ढांचा निर्माण का कार्य भी आरम्भ हो गया था। जस दौरान संस्थान के ढांचा निर्माण के लिए भूमि से पेड़ काटने व सड़क निर्माण का कार्य चल रहा था उसी समय इस विद्यालय की कक्षाएं खणी में ही चलाई जा रही थीं। परंतु कुछ समय बाद यहां स्कूल भवन निर्माण व सड़क का कार्य रोक दिया गया व स्कूल को भी यहां से उठाकर होली शिफ्ट कर दिया गया। जिससे खणी व आसपास की दर्जन भर पंचायतों के लोगों को इस संस्थान के स्थाई स्थान की अस्पष्टता का पता चला।
इस संस्थान को खणी से संचालित करने के लिए क्षेत्र में एकलव्य जनजातीय विकास संस्था का गठन भी किया गया है । जिसके बैनर तले ग्रामीण एकलव्य विद्यालय भवन खणी में निर्मित करने के लिए सरकार व प्रशासन से लगातार सम्पर्क बनाए हुए हैं। सरकार व प्रशासन की ओर से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया न मिलने से ग्रामीणों ने अब लोस चुनावों से किनारा करने का मन बनाया है। ग्रामीणों का कहना है कि लोगों द्वारा सरकार उनकी बात सुनने के लिए बनाई जाती है परंतु यहां कोई हमारी बात सुनने को तैयार नहीं है तो हम सरकार भी किसके लिए चुनें।
ग्राम पंचायत खणी के उपप्रधान सुनील कुमार व एकलव्य जनजातीय विकास संस्था अध्यक्ष दीपक जम्वाल का कहना है कि दस्तावेजों में जब यह संस्थान खणी में है तो इसे कहीं अन्य स्थान पर निर्मित नहीं होने दिया जाएगा। सरकार अगर लोगों की बात नहीं मानती तो वे लोस चुनाव में मतदान नहीं करेंगे। लोगों के कड़े रुख को देखकर लगता नहीं कि वे मुद्दे से कोई समझौता करने वाले हों।