घोघड़, चम्बा 29 नवम्बर : चम्बा जिला के जनजातीय क्षेत्र भरमौर में आज सुबह एक छात्रा की गहरी खाई में गिरने से मृःत्यु हो गई। छात्रा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मांधा में नवम् कक्षा में पढ़ रही थी।
ग्राम पंचायत बड़ग्रां के भदरा गांव से करीब सात किमी दूर पैदल चलकर स्कूल पहुंचने वाले दर्जन भर विद्यर्थियों में 16 वर्षीय वर्षा भी एक थी। हर रोज की तरह वह आज भी अपनी बड़ी बहन साथ स्कूल के लिए घर से निकली थी । हंसती खेलती स्कूल जा रही वर्षा व उसकी बहन के साथ गांव अन्य लड़के व लड़कियां भी रास्ते में जुड़ते गए जो हर रोज उनके साथ उसी स्कूल में अध्ययनरत हैं। गांव से करीब तीन किमी दूर ही चले होंगे वे। एक डेढ किमी की दूरी पर बन्नी गांव में वे थोड़ा रुककर आगे बढ़ते तभी रास्ते पर उभरे पत्थर की ठोकर से वर्षा वहां नीचे करीब एक किमी गहरी खाई में जा गिरी। साथ चल रहे शेष बच्चों व उसकी बहन एक क्षण तक समझ ही नहीं आया कि वर्षा कहां ही चली गई। बच्चों ने पास स्थित बन्नी गांव के लोगों को घटना की जानकारी दी। वर्षा के शव को सड़क तक लाने के बाद उसे नागरिक अस्पताल भरमौर लाया गया जहां शव विच्छेदन के बाद उसे स्वजनों को सौंप दिया गया।
ग्राम पंचायत बड़ग्रां की प्रधान सुबह देवी बताती हैं कि भदरा उनकी पंचायत का गांव है। बड़ग्रां से करीब छः किमी की दूरी पर स्थित इस गांव के लिए कोई सड़क सुविधा नहीं है। गांव में प्राथमिक शिक्षा के बाद बच्चों को नजदीकी वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बड़ग्रां भेजा जाता है परंतु इस स्कूल में स्टाफ की कमी के कारण अभिभावक अपने बच्चों को रावमापा मांधा भेजने को विवश हैं। उन्होंने कहा कि केवल भदरा ही नहीं बड़ग्रां गांव से भी करीब आधा दर्जन बच्चे मांधा स्कूल जाते हैं। सुबह देवी न कहा कि अगर बड़ग्रां विद्यालय में पर्याप्त शिक्षक होते तो भदरा व बड़ग्रां के विद्यार्थियों को मीलों दूर खराब रास्ते से मांधा न जाना पड़ता।
वर्षा की मृःत्यु के अनकों कारण हो सकते हैं और विडम्बना यह है कि इन सबके पीछे सरकार की व्यवस्था पर कमजोर पकड़ अनदेखी सामने आ रही है जिसने भदरा के सुभाष चंद की बेटी की जान ले ली है व भदरा और बड़ग्रां की दर्जनों लड़कियों की शिक्षा 10वीं व +2 तक सीमित करके रख दी है।