घोघड़, चम्बा 26 नवम्बर : राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रशिक्षण योजना (एनएटीएस) के साथ समन्वय करके और शिक्षा सुविधाओं को मजबूत करने और बेरोजगार प्रशिक्षित शिक्षकों का शिक्षण कौशल विकास हेतु प्रदेश का अपनी तरह का पहला प्रयास चम्बा में किया गया है l जिले के दूर दराज के सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की बहुत कमी है जिस से शिक्षण कार्य बहुत प्रभावित हो रहा था । इस समस्या के समाधान हेतु हुए जिला प्रशासन द्वारा इस आशय का नीति आयोग को एक प्रस्ताव दिया गया था । कई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बैठकों और प्रस्तुति के बाद आयोग के अधिकारियों और शिक्षा मंत्रालय ने इस परियोजना को स्वीकार कर लिया है। दो वर्ष अर्थात 2024-25 और 2025-26 के लिए उपरोक्त परियोजना के कार्यान्वयन के लिए कुल 1 करोड़ रुपये की धनराशि मंजूर की गई है ।
उपयुक्त चम्बा के मार्गदर्शन में उप निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा चम्बा , प्रधानाचार्य औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान चम्बा और परियोजना अधिकारी डाइट सरु के सांझा प्रयासों से जिला चम्बा में शिक्षकों की कमी से जूझ रहे स्कूलों में 92 प्राथमिक शिक्षक राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रशिक्षण योजना के अंतर्गत एक साल के लिए रखे गए हैं जो इन स्कूलों में एक साल तक बच्चों को शिक्षा प्रदान करेंगे। इन शिक्षकों को सरकार द्वारा 8000 रूपए मासिक वजीफा मिलेगा जिसका 50 % अर्थात 4000 रूपए मासिक नीति आयोग द्वारा स्वीक़ृत 1 करोड़ राशि से और 50 % राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रशिक्षण योजना के अंतर्गत केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा डीबीटी माध्यम से इन अपरेंटिस शिक्षकों को दिया जा रहा है ।
अपनी तरह की इस नई पहल से जिले में न केवल स्टॉप गैप आधार पर शिक्षकों कमी पूरी होगी बल्कि प्रशिक्षित शिक्षकों को शिक्षण का वास्तविक अनुभव प्राप्त होगा। इन अध्यापकों की सेवाओं के लिए उन्हें प्रमाण पत्र भी मिलेगा जो देश भर में मान्य होगा । जिला चम्बा में सफलतापूर्वक किया गया यह प्रयास पूरे प्रदेश के लिए नया प्रारूप बन सकता है ।