घोघड़ चम्बा 26 जून : चम्बा जिला के जनजातीय क्षेत्र भरमौर में अधिकारी सामान्य लोगों की आपात स्थिति को भी गम्भीरता से नहीं ले रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण आज शाम भरमौर मुख्यालय में उस समय देखने को मिला जब गम्भीर रूप से घायल महिला को नागरिक अस्पताल से क्षेत्रीय अस्पताल चम्बा के लिए रैफर किए जाने के बाद उसे 108 एम्बुलेंस सेवा प्राप्त करने के लिए करीब डेढ घंटे तक इंतजार करना पड़ा । एम्बुलेंस के इन्ताजार में पुराना बस अड्डा के पास सड़क किनारे स्टेचर पर रखी गई यह महिला जीवन के लिए संघर्ष करती हुई दर्द से कराह रही थी। पास से गुजरने वाले लोग स्थिति की टोह तो ले रहे थे परंतु घायल को जल्द एम्बुलेंस कैसे मुहैया हो इसका प्रयास नहीं हो रहा था। इस दौरान घायल महिला के परिजनों ने बताया कि अस्पताल सड़क मार्ग पर लोनिवि ने रोड़ रोलर खड़ा कर दिया है और लोनिवि विभाग किसी भी वाहन को चौरासी मंदिर द्वार से अस्पताल तक के रास्ते पर नहीं चलने दे रहा है। वहां उपस्थित लोगों ने बताया कि सड़क से रोड रोलर हटाकर एम्बुलेंस के लिए रास्ता देने के लिए उन्होंने लोनिवि विभाग के जेई को कहा लेकिन उसने लोगों को हड़का कर यह कहा कि उन्होंने 28 जून तक सड़क पर यातायात प्रतिबंध रखने की अनुमति ली है।
आम तौर पर घायल व मरीजों को जल्द अस्पताल पहुंचाने के लिए तमाम नियमों को भी दरकिनार करके हर प्रकार से सहायता उपलब्ध करवाई जाती है परंतु इस मामले में गम्भीर रूप से घायल महिला के जीवन पर लोनिवि द्वारा सड़क निर्माण कार्य को प्राथमिकता दी गई।
पालतु पशुओं की देखरेख कर रही कृष्णा देवी पत्नी पवन कुमार निवासी गांव ठठाण ग्राम पंचायत पूलन आज दोहपर बाद खेतों के पास गिरकर घायल हो गई। उसे सिर, पसलियों व टांगों में गम्भीर चोटें आई हैं। जिसे उपचार हेतु नागरिक अस्पताल भरमौर लाया गया। चिकित्सकों ने घायल की गम्भीर हालत को देखते हुए प्राथमिक उपचार के बाद चम्बा रैफर कर दिया। चिकित्सकों द्वारा चम्बा रैफर किए जाने के बाद स्वजनो ने 108 एम्बुलेंस सेवा प्राप्त करने के लिए कॉल किया तो बताया गया कि सड़क में लोनिवि ने रोड रोलर अड़ा रखा है जिस कारण अस्पताल के पास खड़ी एम्बुलेंस का रास्ता अवरूद्ध हो गया है। कम्पनी ने अन्य मरीज को लाने के लिए गई दूसरी 108 एम्बुलेंस का इंतजार करने के लिए कहा जिसे लौटने में काफी समय लगने वाला था। इसके बाद स्वजनों व घायल कृष्णा की परेशानियों में बढ़ौतरी होना आरम्भ हुई।
परिजनों ने अस्पताल से एक स्टैचर लेकर घायल महिला को पुराना बस अड्डा तक उठाकर पहुंचाया ताकि मरीज लाने गई दूसरी 108 एबुम्लेंस के पहुंचने पर घायल को वहां से चम्बा अस्पताल ले जाया जा सके। करीब डेढ घंटे तक सड़क किनारे जीवन के लिए संघर्ष करती घायल कृष्णा दर्द से कराहती रही लेकिन लोनिवि के अधिकारियों ने एम्बुलेंस के लिए रास्ता क्लीअर करना तो दूर घायल को पुराना बस अड्डा तक पहुंचाने के लिए भी कोई सहयोग नहीं दिया । लोनिवि चाहता तो पांच मिनट में रोड रोलर को हटाकर एम्बुलेंस को वहां से निकाला जा सकता था।
इस दौरान घटना स्थल पर भीड़ में आक्रोश बढ़ने लगा तो विभागीय अधिकारियों ने रोड रोलर को बीच सड़क से हटाकर किनारे पर खड़ा कर दिया लेकिन तब तक दूसरी 108 एम्बुलेंस घायल महिला को चम्बा अस्पताल ले जाने के लिए आ पहुंची थी।
गौरतलब है कि चौरासी मंदिर मुख्य द्वार से हैलिपैड तक के सड़क मार्ग पर टारिंग का कार्य चल रहा है जिसमें कोई व्यवधान न पड़े इसलिए लोनिवि सहायक अभियंता भरमौर ने उपमंडलाधिकारी भरमौर से इस मार्ग पर यातायात परिचालन बंद रखने के आदेश पारित करवाए हैं। उपमंडलाधिकारी भरमौर अभिषेक सिंह ठाकुर ने 21 से 28 जून तक इस सड़क मार्ग पर यातायात बंद रखने के आदेश में लोकहित को ध्यान में रखते हुए यह शर्त भी भी दी कि किसी भी आपात स्थिति में मरीजों को ले जाने वाले निजि वाहनों, एम्बुलेंस व अग्निशमन वाहनों के आवागमन पर यह प्रतिबंधता लागू नहीं होगी।
यह पीड़ा एक कृष्णा देवी की नहीं बल्कि गम्भीर अवस्था में भरमौर अस्पताल लाए जाने वाले तमाम मरीजों की है। जिन्हें अस्पताल से पूर्व ही बीच राह में उतार दिया जाता है और फिर मरीज को स्टैचर पर उठाकर अस्पताल ले जाने के लिए लोगों का मुंह ताकना पड़ता है।
स्थानीय निवासी गुलशन नंदा, कुंज लाल, अशोक शर्मा, चुन्नी लाल आदि ने कहा कि प्रशासन ने एम्बुलेंस के लिए रास्ता खुला रखने के आदेश दे रखे हैं इसके बावजूद लोनिवि ने एम्बुलेंस का रास्ता अवरुद्ध रखा था जिससे उपचार में देरी होने के कारण घायल के साथ कोई अनहोनी हुई तो इसकी जिम्मेदारी सड़क अवरुद्ध करने वाले अधिकारियों की होगी। उन्होंने इसे उपमंडल दंडाधिकारी के आदेशों की अवहेलना व घायल के जीवन को जोखिम में डालने का मामला बताकर जांचकर कार्रवाई करने की मांग की है।