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घोघड़, चम्बा 06 मार्च हिमाचल प्रदेश राज्य सरकार द्वारा प्री-नर्सरी स्कूलों में “पहली शिक्षक – मां” पहल के तहत माताओं को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य माताओं को प्रारंभिक शिक्षा के महत्व से अवगत कराना और बच्चों की बेहतर मानसिक व शैक्षिक वृद्धि में उनकी भूमिका को मजबूत करना है।

प्रारम्भिक शिक्षा खंड भरमौर में इस आशय का दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आरम्भ हुआ। रमेश चंद, केंद्र मुख्य शिक्षक चांगुईं,विकास दत्त, राजकीय प्राथमिक विद्यालय बन्नी,सूरज प्रकाश केंद्र प्राथमिक विद्यालय तुंदा व सुरेश कुमार, केंद्र प्राथमिक विद्यालय बड़ग्रां ने शिविर में उपस्थित माताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि मां बच्चे की पहली गुरु होती है, इसलिए माता को सही दिशा-निर्देश और प्रशिक्षण दिया जाए, तो वह अपने बच्चे के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है।

कार्यकारी खंड प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी विश्वजीत ने बताया कि बच्चों की शिक्षा का मजबूत आधार तैयार करना,माताओं को बाल विकास और शिक्षण तकनीकों की जानकारी देना और घर पर सीखने का अनुकूल माहौल बनाना इस प्रशिक्षण का उद्देश्य है।

इस प्रशिक्षण के दौरान माताओं को बच्चों की भाषा, संज्ञानात्मक कौशल, सामाजिक व्यवहार और सीखने की आदतों को विकसित करने के तरीकों पर मार्गदर्शन दिया जाता है। इस पहल से उम्मीद की जा रही है कि राज्य के प्री-नर्सरी बच्चों की शिक्षा का स्तर बेहतर होगा और वे आगे की कक्षाओं के लिए मजबूत आधार के साथ तैयार होंगे।


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