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घोघड़, चम्बा 14 जुलाई 2024 : मणिमहेश न्यास ने मणिमहेश यात्रा 2024 की तैयारियां आरम्भ कर दी हैं। यात्रा के दौरान न्यास की आय का मुख्य स्रोत हैलिटैक्सी सेवा को समय पर चालू करने के लिए मणिमहेश न्यास ने हैलिटैक्सी सेवा प्रदाताओं से टैंडर आमंत्रित किए हैं। कल 15 जुलाई को टैंडर खुलने की तारीख को अब 20 जुलाई तक बढ़ाया गया है।

मणिमहेश न्यास ने इस यात्रा के लिए इस बार भरमौर से गौरीकुंड के अलावा भरमौर से चम्बा के बीच भी हैलिटैक्सी  सेवा चलाने का निर्णय लिया है। जिसके लिए एविएशन कम्पनियों से निविदाएं आमंत्रित की गई हैं। मणिमहेश न्यास  22 अगस्त से 11 सितम्बर 2024 के बीच यात्रियों के लिए हैलिटैक्सी सेवा प्रदान करवाएगा।

हैलिटैक्सी सेवा प्रदाता को यात्रा के दौरान 5 से 6 सीट क्षमता वाले न्यूनतम दो हैलिकॉप्टर उपलब्द करवाने होंगे जबकि आपात स्थिति के दौरान एक अतिरिक्त हैलिकॉप्टर 24 घंटों के भीतर उपलब्ध करवाने की जिम्मेदारी होगी।

मणिमहेश न्यास सदस्य सचिव एवं उपमंडलाधिकारी भरमौर कुलबीर सिंह राणा ने कहा कि हैलिटैक्सी ऑप्रेटर कम्पनियों के अनुरोध पर निविदा की तिथि को 20 जुलाई तक बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि इस यात्रा के दौरान भी हजारों श्रद्धालुओं को हैलिकॉप्टर के माध्यम से मणिमहेश यात्रा करने का अवसर मिलेगा। हैलीटैक्सी सेवा से मणिमहेश न्यास को 20 प्रतिशत रॉयल्टी प्राप्त होती। मणिमहेश यात्रियों की सुविधाओं की व्यवस्था पर हर वर्ष लाखों रुपए खर्च करता है जिसके लिए न्यास को हैलिटैक्सी से प्राप्त रॉयल्टी, दानपात्रों से आय, चढ़ावे से प्राप्त हिस्सेदारी,यात्री पंजीकरण शुल्क, घोड़े-कुली पंजीकरण शुल्क व ऑनलाईन डोनेशन के माध्यम से प्राप्त राशि व सरकार से प्राप्त सेवाओं पर निर्भर रहना पड़ता है।

उपमंडलाधिकारी ने कहा कि मणिमहेश यात्रा के लिए पंजीकरण करवाना अनिवार्य बनाया गया है जिसके लिए ऑनलाईन पंजीकरण आरम्भ हो चुका है। यात्री Manimahesh Yatra 2024 | Register for Manimahesh Yatra (hp.gov.in) के लिंक पर जाकर अपना पंजीकरण करवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि बहुत से यात्री अभी भी मणिमहेश यात्रा पर जा रहे हैं परंतु प्रशासन की ओर से अधिकारिक यात्रा 26 अगस्त से 11 सितम्बर तक मानी जाएगी।

उन्होंने यात्रियों के लिए कुछ आवश्यक दिशा निर्देश भी जारी किए हैं।

मणिमहेश यात्रा के दौरान क्या करेंः-
  •  यात्री अपना पंजीकरण आवश्य करवाएं।
  •  यात्रियों से अनुरोध किया जाता है कि चिकित्सा प्रमाण पत्र अपने साथ लेकर आएं तथा बेस कैम्प हड़सर में स्वास्थ्य जांच आवश्य करवाएं। पूर्णतः स्वस्थ होने पर ही यात्रा करें।
  •  अकेले यात्रा न करें केवल साथियों के साथ ही यात्रा करें।
  •  चढाई धीरे-धीरे चढे, सांस फूलने पर वहीं रूक जाएं।
  •  छाता, बरसाती, गर्म कपडे, गर्म जूते, टार्च एवं छड़ी अपने साथ आवश्य लाएं।
  •  प्रशासन द्वारा निर्धारित रास्तों का प्रयोग करें।
  •  किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य सम्बन्धि समस्या हेतु निकटतम कैम्प में सम्पर्क करें।
  •  सफाई का विशेष ध्यान रखें।
  •  दुलर्भ जडी बूटियों एवं अन्य पौधों के संरक्षण में सहयोग करेें।
  •  इस यात्रा को पिकनिक अथवा मौज मस्ती के रूप में न लें व केवल भक्तिभाव एंव आस्था से ही तीर्थ यात्रा करें।
  •  किसी भी प्रकार का दान अथवा चढ़ावा केवल ट्रस्ट के दान पात्रों में ही डालें।
  •  यात्री मास्क तथा सेनिटाइजर साथ लाएं।
  •  कोविड-19 नियमों का पालन करें।
  •  यात्री अपना पहचान पत्र/आधार कार्ड यात्रा के दौरान साथ रखें।
मणिमहेश यात्रा के दौरान क्या न करेंः-
  •  सुबह 04 बजे से पहले और शाम 05 बजे के बाद बेस कैम्प हड़सर से आगे यात्रा न करें।
  •  बिना पंजीकरण एंव चिकित्सीय रूप से फिट न होने पर यात्रा न करें।
  •  अपने साथियों का साथ न छोड़ें जबरन चढ़ाई न चढें व फिसलने वाले जूते न पहने यह घातक हो सकता है।
  •  खाली प्लास्टिक की बोतलें एवं रैपर इत्यादि खुले में न फेकें बल्कि अपने साथ वापिस लाकर कूड़ेदान में डाले।
  •  जड़ी बूटियों एंव दुर्लभ पौधों से छेड़ छाड़ न करें।
  •  किसी भी प्रकार के नशीलें पदार्थो मांस मदिरा झ्त्यादि का सेवन न करें। यह एक धर्मिक यात्रा है इसकी पवित्रता का ध्यान रखें
  •  पवित्र मणीमहेश डल झील के आस-पास कच्चरा, गीले कपडे और स्नान उपरान्त अपने अधोवस्त्र इधर-उधर न फैकें तथा इन्हे नजदीक स्थापित कूड़ेदान में डालें।
  •  छः सप्ताह से ज्यदा गर्भवती महिलाएं यात्रा न करें।
  •  यात्रा के दौरान चप्पलों के बजाय जूतों का प्रयोग करें, क्योंकि रास्ता दुर्गम होने की वजह से चोट इत्यादि लग सकती है।
  •  किसी भी प्रकार के छोटे रास्ते (Short Cut) का प्रयोग न करें।
  •  प्लास्टिक का प्रयोग न करें।
  •  यात्रा के दौरान कोई भी ऐसा कार्य न करें जिससे वातावरण दूषित हो तथा पर्यावरण को किसी प्रकार की कोई हानि न हो।
  •  यात्रा के दौरान मौसम खराब होने पर हड़सर व डल झील के बीच धन्छो, सुनराशि, गौरीकुण्ड एवं डल झील पर सुरक्षित जगह पर रुकें। मौसम अनुकूल होने पर ही यात्रा आरम्भ करें।

 


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