घोघड़, चम्बा 14 नवम्बर : वन मंडल भरमौर में आज 14 नवम्बर को ‘वन मित्र’ भर्ती हेतु सैकड़ों आवेदन कर्ताओं को काउंसलिंग के लिए निमंत्रित किया गया था।
वन विभाग ने अपने विभागीय चेतना केंद्र लाहल में यह काउंसलिंग रखी थी। निर्धारित समय पर आवेदन कर्ता चेतना भवन पहुंचने लगे तभी विभागीय अधिकारियों ने आवेदन कर्ताओं को फोन करके यह काउंसलिंग स्थगित करने की सूचना जारी कर दी।
विभाग द्वारा अचानक लिए गए इस फैसले से सैकड़ों अभ्यार्थियों ने रोष जताया है। कुछ अभ्यार्थियों ने बताया कि वे चम्बा जिला से बाहर शिक्षा या प्रशिक्षण ले रहे हैं। विभाग द्वारा बुलाने पर निर्धारित काउंसलिंग में भाग लेने के लिए वे मीलों दूर से भरमौर पहुंचे हैं जिसमें हमारा समय व धन खर्च हुआ है। उन्होंने कहा कि विभाग ने काउंसलिंग की नई तिथि भी नहीं बताई है विभाग कब नई तिथि घोषित करेगा इसे लेकर में वे असमंजस में पड़ गए हैं। उन्होने कहा कि विभाग उन्हें काउंसलिंग की नई तिथि जल्द बताए ताकि वे यह निर्णय ले सकें कि इस दौरान वे अपने संस्थानों को लौट जाएं या यहां काउंसलिंग में भाग लेने तक रुके रहें।
काउंसलिंग के दिन ही काउंसलिंग स्थगित किए जाने के प्रश्न पर वन मंडल अधिकारी नवननाथ माने ने कहा कि बहुत से आवेदन कर्ताओं को काउंसलिंग की सूचना नहीं मिली थी। जिस कारण उन्होंने काउंसलिंग में भाग लेने के लिए अतिरिक्त समय मांगा था। किसी से यह अवसर छूटे न इसलिए आज होने वाली काउंसलिंग स्थगित कर दी गई है। उन्होंने कहा कि काउंसलिंग के लिए शीघ्र नई तिथि घोषित की जा रही है।
गौरतलब है कि वन विभाग द्वारा वन मंडल की हर बीट में वन मित्रों की भर्ती की जा रही है।जिसके लिए हजारों आवेदन वन विभाग के पास पहुंचे हैं । विभाग ने उनकी काउंसलिंग की तिथि 14 नवम्बर 2024 निर्धारित कर रखी थी। वन मित्र पद के लिए आवेदन करने के बाद बहुत से आवेदनकर्ता चम्बा जिला से बाहर विभिन्न शिक्षण व प्रशिक्षण केंद्रों में अध्ययन कर रहे हैं ताकि वन मित्र पद के लिए चयनित न होने पर वे कुछ अतिरिक्त कौशल व शिक्षा अर्जित कर सकें। विभाग द्वारा काउंसलिंग स्थगित करने के उपरांत वे भरमौर पहुंच कर असमंजस में पड़ गए हैं। विभाग ने नई तिथि की घोषणा किए बिना काउंसलिंग स्थगित कर प्रतिभागिओं को परेशानी में जाल दिया है । अभिभावकों का कहना है कि विभाग को काउंसलिंग तिथि स्थगित करने से पूर्व इसके लिए नई तिथि की घोषणा करनी चाहिए थी ताकि आवेदकों व अभिभावकों को समय व धन का नुकसान व यात्रा का जोखिम न उठाना पड़ता। विभाग की लापरवाहीपूर्ण कार्यप्रणाली से सैकडों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा है।