घोघड़, चम्बा 20 अगस्त : राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) में मणिमहेश यात्रा के दौरान साफ सफाई व स्वच्छता को लेकर एक महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई हुई है। यह मामला ओरिजिनल एप्लीकेशन नंबर 689/2024 के अंतर्गत आया, जिसे शिव नुआला समिति, भटियात, जिला चंबा, हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष द्वारा प्रस्तुत किया गया था।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि मणिमहेश यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु जिला चंबा में आते हैं, लेकिन पर्याप्त शौचालय सुविधाओं की कमी के कारण तीर्थयात्री जहां-तहां मल त्याग करते हैं, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। इसके अलावा, वाणिज्यिक गतिविधियों का कोई उचित नियंत्रण नहीं है, जिससे प्राकृतिक हरियाली को भी नुकसान हो रहा है। याचिका में यह भी कहा गया कि प्रशासन द्वारा यात्रा के प्रबंधन में कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए गए हैं।
सुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य डॉ. अफरोज अहमद ने मामले को पर्यावरण से संबंधित गंभीर सवाल उठाने वाला माना। इसके लिए उन्होंने जिला मजिस्ट्रेट, चंबा, हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और वन अधिकारी, चंबा की संयुक्त समिति गठित करने का आदेश दिया। समिति को मौके पर जाकर तथ्यों का संकलन करने और अगर कोई कार्रवाई की गई हो, तो उसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही, मणिमहेश यात्रा के सुचारू संचालन के लिए दो माह में एक मानक संचालन प्रक्रिया (SoP) तैयार करने के लिए भी कहा गया है।
इस मामले की अगली सुनवाई 3 अक्टूबर 2024 को होगी, जब समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट पर विचार किया जाएगा।
यह हैं आदेश -ः
1. राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम, 2010 की धारा 14 और 15 के अंतर्गत यह मूल आवेदन शिव नुआला समिति भट्टियात, जिला चंबा, हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष द्वारा दिनांक 28.09.2023 को भेजी गई एक पत्र याचिका पर स्व-प्रेरणा क्षेत्राधिकार का प्रयोग करते हुए पंजीकृत किया गया है।
2. शिकायतकर्ता ने कहा है कि मणिमहेश यात्रा के दौरान जिला चम्बा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं, लेकिन शौचालय की पर्याप्त सुविधा नहीं होने के कारण श्रद्धालु यहां-वहां मल-मूत्र फैलाते हैं, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है, वाणिज्यिक गतिविधियों पर कोई नियंत्रण नहीं है, जिससे पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है और यहां तक कि प्राकृतिक हरियाली को भी नुकसान पहुंच रहा है। प्रबंधन के लिए जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए गए हैं।
3. हमारे विचार में, शिकायत में लगाए गए आरोप एनजीटी अधिनियम, 2010 की अनुसूची-1 में उल्लिखित अधिनियमों के कार्यान्वयन के कारण पर्यावरण से संबंधित एक महत्वपूर्ण प्रश्न को जन्म देते हैं, लेकिन मामले में आगे कोई कार्रवाई करने से पहले, हम एक तथ्यात्मक रिपोर्ट प्राप्त करना उचित समझते हैं, जिसके लिए हम जिला मजिस्ट्रेट, चंबा, हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और प्रभागीय वन अधिकारी, चंबा की एक संयुक्त समिति का गठन करते हैं।
4. जिला मजिस्ट्रेट, चंबा इस आदेश के समन्वय और अनुपालन के लिए नोडल एजेंसी होंगे।
5. उक्त समिति साइट का दौरा करेगी, प्रासंगिक जानकारी एकत्र करेगी और यदि कोई कोताही सामने आती है तो उस पर तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी, साथ ही दो महीने के भीतर उक्त यात्रा के संचालन के लिए एसओपी तैयार करेगी।
6. इस मामले पर 03.10.2024 के विचार के लिए सूचीबद्ध करें।
गौरतलब है कि मणिमहेश यात्रा भारत की प्रसिद्ध धार्मिक यात्राओं में से एक है। भादों मास में होने वाली इस यात्रा में देश भर से लाखों श्रद्धालु चम्बा जिला के भरमौर उपमंडल स्थित मणिमहेश कैलाश पर्वंत के दर्शन करने व यहां स्थित डल झील में स्नान करने के लिए पहुंचते हैं। मणिमहेश न्यास इस यात्रा का संचालन करता है जोकि जन्माष्टमी पर्व से राधाष्टमी पर्व तक की अवधि में श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्थाएं उपलब्ध करवाता है । इस दौरान वह स्वच्छता बनाए रखने के लिए वभिन्न स्थानों पर अस्थाई शौचालय स्थापित करता है परंतु इन शौचालयों की संख्या, स्थिति व उनमें सफाई बनाए रखने पर श्रद्धालु शिकायतें करते रहे हैं।
मणिमहेश न्यास द्वारा निर्धारित यात्रा अवधि में तो स्वच्छता व साफ सफाई के लिए कुछ प्रबंध करता है परंतु इस अवधि से पूर्व व उसके बाद भी हजारों श्रद्धालु मणिमहेश यात्रा करते हैं जिस दौरान न तो शौचालय व न ही साफ सफाई के दूसरे प्रबंध मणिमहेश न्यास द्वारा स्थापित नहीं किए गए होते।