घोघड़ चम्बा 21 अगस्त : 26 अगस्त को होने वाले जन्माष्टमी स्नान से पूर्व अब तक हजारों श्रद्धालु मणिमहेश झील में स्नान कतरके लौट चुके हैं। इन श्रद्धालुओं की पुख्ता संख्या की कोई जानकारी नहीं है। हड़सर-मणिमहेश मार्ग के व्यवसायियों के अनुसार अब तक तीस हजार से अधिक श्रद्धालु मणिमहेश झील में स्नान करके लौट चुके हैँ । इस संख्या की पुष्टि मणिमहेश न्यास की वैबसाईट पर पंजीकृत श्रद्धालुओं की संख्या के आधार पर की जा सकती है।
मणिमहेश न्यास की वेबसाईट पर 25 जुलाई से 21 अगस्त तक 8566 श्रद्धालुओं ने पंजीकरण करवाया है। जबकि आज 21 अगस्त को पंजीकरण करवाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 723 रही है। 25 जुलाई से पूर्व मणिमहेश यात्रा के पंजीकरण की कोई व्यवस्था नहीं थी जबकि श्रद्धालुओं का आवागमन जून माहान्त से ही जारी हो चुका है। प्रशासन द्वारा मणिमहेश यात्रियों के पंजीकरण प्रक्रिया आरम्भ किए जाने के बावजूद सैकड़ों श्रद्धालु पंजीकरण करवाने में रुचि नहीं दिखाते और वे बिना पंजीकरण किए यात्रा पूरी कर चुके हैं। यात्रा मार्ग पर यात्रियों के पंजीकरण प्रक्रिया को प्रभावशाली बनाने प्रशासन ने काफी देरी कर दी है। अनुमान है कि यात्रा पंजीकरण करवाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या एक चौथाई के आस-पास ही रहती है।
मणिमहेश न्यास सदस्य सचिव एवं उपमंडलाधिकारी भरमौर कुलबीर सिंह राणा बताते है कि कल 22 अगस्त से प्रशासन यात्रा की कमान सम्भाल लेगा। भरमौर से हड़सर तक के यात्रा मार्ग पर यात्रियों के पंजीकरण के लिए शिविर स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने यात्रियों के पंजीकरण की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि मणिमहेश यात्रा मार्ग जोखिम भरा है व मणिमहेश झील अधिक ऊंचाई पर स्थित है जहां ऑक्सीजन की कमी भी रहती है । इसके अलावा मौसम यात्रियों की सुरक्षा में चुनौतियां खड़ी करता है। किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में प्राशासन को यात्रियों की संख्या व उनके स्थान का पता रहना आवश्यक रहता है ताकि आपात स्थिति में उन्हें तुरंत सहायता दी जा सके। उन्होंने यात्रियों से अपील की है कि मणिमहेश यात्रा से पूर्व वे सभी अपना पंजीकरण आवश्य करवाएं।