घोघड़, चम्बा 02 फरवरी : जनजातीय क्षेत्र भरमौर की ग्राम पंचायत सचूईं के इसी गांव में आज ट्राइबल फीस्ट (जनजातीय भोज) का आयोजन किया गया। गांव के हर घर से प्राप्त राशन सामग्री से यह सामूहिक भोज का आयोजन किया गया था। इस अवसर पर ग्राम सुधार समिति ने गांव में प्राचीन खेल रस्सा कस्सी व कौड़ी प्रतियोगिता का आयोजन भी किया। गांव की महिलाओं ने पारम्परिक गाद्दे परिधान में पहुंचकर अपना डंगी व घुरैई नृत्य किए। इस अवसर पर गांव में खुशनुमा माहौल बना हुआ था।
शीतकाल के दौरान गांव के अधिकांश लोग कांगड़ा व पंजाब की ओर पलायन कर जाते हैं। इस दौरान पीछे बर्फीले मौसम में रहने वाले लोग जिन्हें गाद्दी बोली में हियुंदासी कहा जाता है, स्वयं को एकजुट कर सामाजिक सरोकार से जुड़े कार्य करते हैं जिनमें एक दूसरे परिवार के लोगों व पशुओं की देखभाल करने के साथ साथ वे शाम को कई बार एक जुट होकर गांव की जरूरतों व समस्याओं पर चर्चा करते हैं। इस नीरस मौसम में स्वयं को प्रसन्न रखने के लिए वे सामूहिक भोज का आयोजन भी करते हैं।
स्थानीय वरिष्ठ नागरिक रविंदर कुमार पखरेटिया बताते हैं कि यहां के गद्दी समुदाय में वर्षों से यह परम्परा चली आ रही है कि शीत काल के दौरान यहां लोगों की संख्या काफी कम हो जाती है ऐसे में किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से निपटने के लिए लोगों का एकजुट रहना बेहद आवश्यक होता है। इसी एकजुटता को बनाए रखने के लिए हमारे बुजुर्ग कई प्रकार के तरीके अपनाते थे जिसमें से सामूहिक भोज भी एक था। इस आयोजन में हर परिवार से कुछ भोजन सामग्री आती थी जिसे एक स्थान पर सभी एकत्रित होकर पकाते व खाते थे। आज इसमें कुछ परिवर्तन आवश्य आए हैं परंतु इसका भाव नहीं बदला है।
स्थानीय समाज सेवी गुलशन नंदा बताते हैं कि यह ऐसा अवसर होता है जब गांव के लोग तरह तरह के मनोरंजक व धार्मिक क्रिया-कलाप करते हैं। यह एक तरह का गांव स्तर का मेला होता है। ग्राम सुधार समिति के प्रधान ओम प्रकाश व पूर्व प्रधान देशराज बताते हैं कि इस आयोजन के मौलिक रूप को बचाए रखते हुए हम इसे कुछ बड़े स्तर पर करने का प्रयास कर रहे हैं और लोगों के सहयोग से इसे सफलता भी मिल रही है।
कौड़ी खेल में युवाओं के साथ वरिष्ठ नागरिकों ने भी खूब दावं चले। इस दौरान वे युवाओं को इस खेल से जुड़ी विशेष चालें, व ठिठोली पुट के बारे जानकारी देते दिखे ।
समारोह के अंत में विजेता टीमों को ग्राम सुधार कमेटी ने ईनाम देकर सम्मानित किया।