चम्बा 31 जुलाई : मानव इच्छाएं अपनी सीमाओं से परे की चीजों व क्षमताओं को हासिल करने की होती है लेकिन प्राप्त वही कर पाते हैं जो इसे पाने के लिए सनक की हद तक मेहनत करते हैं। इसी प्रकार वायुसेना का फाइटर प्लेन उड़ाने के सपने को सच कर पाने के लिए हिमाचल प्रदेश के निखिल ठाकुर को भी जनून था। अपने इस लक्ष्य को पाने के लिए निखिल ने कड़ी मेहनत व अनुशासन की राह पकड़ ली। निखिल ठाकुर का भरतीय वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर पद के लिए चयन हो गया है। संघ लोक सेवा आयोग द्वारा संचालित CDS परीक्षा पास करने के बाद इसी माह से वे हैदराबाद स्थित प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षण ले रहे हैं,जोकि डेढ वर्ष तक चलेगा।
निखिल ठाकुर का परिवार मूलतः भरमौर की ग्राम पंचायत गरीमा के थोबू गांव से सम्बंधित है, पिता करनैल सिंह आबकारी एवं कराधान विभाग से सहायक आयुक्त पद से सेवा निवृत हुए हैं। माता बीना देवी गृहणी हैं। निखिल के बड़े भाई शुभम ठाकुर सिविल इंजिनीयर की डिग्री प्राप्त हैं। चूंकि निखिल ठाकुर के पिता चम्बा जिला से बाहर ही सेवारत रहे इसलिए निखिल की पढ़ाई भी जनजातीय क्षेत्र भरमौर से बाहर हुई है।
निखिल ठाकुर के पिता करनैल सिंह बताते हैं कि निखिल दो की प्रारम्भिक शिक्षा एम सी पब्लिक स्कूल जसूर जिला कांगड़ा में हुई है। वायु सेना में फाईटर जैट उड़ाने के सपने को साकार करने के लिए उसी के अनुरूप शैक्षणिक व आवासीय माहौल की भी आवश्यकता थी इसलिए नवमी कक्षा में सैनिक स्कूल में पढ़ने के लिए प्रवेश परीक्षा पास कर ली। जमा दो तक चार वर्ष की शिक्षा सैनिक स्कूल सुजानपुर टीहरा से प्राप्त करने के उपरांत डीएवी कॉलेज जालन्धर से सिविल इंजिनियर की पढ़ाई की ।
इस दौरान निखिल ठाकुर ने यूपीएससी द्वारा संचालित (CDS) संयुक्त रक्षा सेवा परीक्षा पास कर ली जिससे उनका चयन वायु सेना बतौर फ्लाइंग ऑफिसर पद के लिए हो गया है।
निखिल ठाकुर के पिता बताते हैं कि बचपन से ही वह हवाई जहाज उड़ाने की इच्छा मन में पाले था अतः वह वायु सेना में जाने से जुड़ी हर बात को गम्भीरता से सुनता उससे सम्बंधित पुस्तकें पढ़ता था। लेकिन सैनिक स्कूल में सिखाए गए शारीरिक व बौद्धिक कौशल की मौलिक आवश्यकता के अनुरूप दिनचर्या में स्वयं को ढालकर निखिल ने अपना बॉडी फॉर्मेशन व व्यक्तित्व में बदलाव किया। निखिल बचपन से ही तेज धावक रहा है इसलिए यह गुण भी उसके लक्ष्य को प्राप्त करने में उपयोगी साबित हुआ। निखिल ठाकुर की सफलता के पीछे उनके द्वारा की गई मेहनत को अगर युवा पीढ़ी अपने जीवन में उतार ले तो मन माफिक मंजिल पाई जा सकती है।
दो वर्ष बाद सेना का कोई फाईटर प्लेन अगर आपके ऊपर हवा को चीरते हुए निकलता है तो हो सकता है उसे गद्दी छोकरा निखिल ठाकुर उड़ा रहा हो।