घोघड़ 30 दिसम्बर : विश्व प्रसिद्ध धार्मिक पर्यटन स्थल भरमौर को शेष विश्व से जोड़ने वाला एकमात्र राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर लाहल से भरमौर के बीच पिछले तीन दिनों से दिनों से बसों का आवागमन ठप्प है। छोटे वाहन अथवा टैक्सी चालक भी सड़क के जोखिमों को झेल रहे हैं। किसी को दफ्तर तो किसी कोर्ट की पेशी में पहुंचना आवश्यक है। लेकिन सड़क मार्ग की फिसलन को देखते हुए भरमौर रूट पर चलने वाली बसों के पहिए खड़ामुख में रुक जाते हैं । कुछेक बसें लाहल तक भी पहुंच रही हैं। जबकि लाहल से भरमौर के करीब 09 किमी के राष्ट्रीय राजमार्ग को चार दिन पूर्व हुए हिमपात के बाद भी बड़े वाहनों के आवागमन योग्य नहीं बनाया जा सका है।
भरमौर व लाहल के बीच यात्रियों को टैक्सियों से यात्रा करनी पड़ी रही है। टैक्सी चालक भी सड़क पर बिछी बर्फ की परत पर फिसलने के जोखिम को देखते हुए वाहन चलाने से कतरा रहे हैं परंतु यात्रियों की आपात स्थिति यात्रा को देखते हुए उन्हें मजबूर होकर बर्फीले रास्तों पर टैक्सियां चलानी पड़ रही हैं।
टैक्सी चालकों का कहना है कि वे प्रशासन, लोनिवि व एनएच प्रबधंन से लाहल भरमौर सड़क को सुरक्षित बनाने की मांग कर रहे हैं परंतु उनकी बातों को अनसुना किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अन्य भागों में इस स्तर के सड़क मार्गों पर हिमपात के बाद यातायात पुनः बहाल हो चुका है परंतु भरमौर के सड़कों पर कोई कार्य होता नहीं दिख रहा है।
स्थानीय लोगों की माने तो इस प्रकार की स्थिति में अगर कोई गम्भीर रूप से घायल या बीमार हो जाए तो प्रशासन के पास उन्हें समय पर जिला अस्पताल तक पहुंचाने का कोई विकल्प व योजना नहीं है। प्रशासन साल भर आपदा प्रबंधन सौ डींगे हांकता है परंतु जब आपदा आती है तो उससे निपटने के लिए स्थिति को हालात पर छोड़ दिया जाता है। सरकार को इस गम्भीर समस्या पर आवश्य ध्यान देना चाहिए।
लोगों की मांग है कि जिन विभागों पर कार्यों की जिम्मेदारी है उनसे कार्यों की गुणवत्ता व निर्धारित अवधि में कार्य पूर्ण करने जबावदेही तट की जानी चाहिए।
इस संदर्भ एनएचएआई 154ए के अधिशासी अभियंता मीत कुमार ने कहा कि सड़क को लगातार बहाल रखने का कार्य ठेके पर दिया गया है । 22 करोड़ का टैंडर पाने वाली इस कम्पनी द्वारा सड़क से बर्फ व स्लिप हटाने की जिम्मेदारी भी शामिल है। उन्होंने कहा कि उक्त कम्पनी सड़क पर जमी बर्फ पर रेत बिछाने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि भरमौर उपमंडल के 90 प्रतिशत सम्पर्क सड़क मार्गों को यातायात के लिए खोल दिया गया है जबकि शेष सम्पर्क सड़कों को 31 दिसम्बर तक बहाल कर दिया जाएगा।