Ghoghad.com

घोघड़ न्यूज चम्बा 13 सितम्बर : विश्व प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा के दूसरे व अंतिम चरण के स्नान के लिए श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। बहुत से श्रद्धालु जन्माष्टमी से राधाष्टमी पर्व के बीच की अवधि में मणिमहेश झील में स्नान करके पुण्य अर्जित करते हैं जबकि श्रद्धालुओं की बहुत बड़ी संख्या पुराने रीति-रिवाजों के अनुसार निर्धारित जन्माष्टमी व राधाष्टमी पर्व को ही स्नान करना उचित मानते हैं।

इन दोनों स्नान के विषय में प्रसिद्ध ज्योतिष पं. ईश्वर दत्त बताते हैं कि मणिमहेश कैलाश पर्वत के सम्मुख स्थित झील में किसी भी समय किया गया स्नान फलदायी है राधाष्टमी स्नान का महत्व इस लिए बढ़ जाता है क्योंकि भाद्र मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी में भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। भाद्रपद के 30 प्रविष्टे 15 सितम्बर तक कृ्ष्णपक्ष समाप्त हो रहा है जिसके उपरांत भाद्रपद का शुक्ल पक्ष आरम्भ हुआ है जिसकी अष्टमी को राधा का जन्म हुआ था । ऐसे में जनमाष्टमी व राधाष्टमी के स्नान का महत्व अधिक है।

https://www.high-endrolex.com/37

उन्होंने कहा कि राधाष्टमी की अवधि भाद्रपद शुक्ल पक्ष के अश्वनि मास की छः प्रविष्टे 22 सितम्बर को 01 बजकर 32 मिनट बजे से आरम्भ होकर 23 सितम्बर अर्थात अश्वनी मास 07 प्रविष्टे 11 बजकर 57 मिनट तक रहेगी । इस अवधि में मणिमहेश यात्री मणिहेश झील में स्नान करके पुण्य कमा सकते हैं ।


Ghoghad.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page