घोघड़ न्यूज 17 अगस्त : मणिमहेश यात्रा 2023 का पहला स्नान 06 सितम्बर को होना है । प्रशासन यात्रा के प्रबंधों को लेकर कार्य कर रहा है। इस वर्ष कितने मणिमहेश यात्रा करेंगे इसका लेखा-जोखा करने के लिए मणिमहेश न्यास ने यात्रियों के पंजीकरण करने का फैसला लिया है यह पंजीकरण ऑनलाईन व ऑफलाईन दोनों तरीके से होगा। यात्रियों को मणिमहेश यात्रा के लिए 20 रुपये प्रति व्यक्ति पंजीकरण शुल्क देना होगा। उपमंडलाधिकारी भरमौर ने जानकारी देते हुए कहा कि मणिमहेश यात्री https://www.manimaheshyatra.hp.gov.in/register पर लॉगिन कर यात्रा के लिए अपना पंजीकरण करवा सकते हैं। यात्रियों के पंजीकरण की प्रक्रिया इस वैबसाईट पर आरम्भ हो चुकी है। वहीं ऑफलाईन पंजीकरण व्यवस्था भी जल्द आरम्भ कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यात्री मणिमहेश न्यास द्वारा जारी दिशानिर्दसों के अनुसार ही यात्रा करें।
मणिमहेश यात्रा से सम्बंधित आवश्यक जानकारी
- यह यात्रा पारंपरिक एवं आधिकारिक तौर पर 07-09-2023 से लेकर 23-09-2023 तक होगी।
- बेस कैम्प हडसर में मैडिकल चैकअप में अस्वस्थ पाए जाने पर यात्रा पर जाने की अनुमति नहीं होगी।
- पंजीकरण करना अनिवार्य है बिना पंजीकरण के यात्रा करने पर किसी भी बेस कैम्प से वापिस भेजा जा सकता है।
मणिमहेश यात्रा के दौरान क्या करेंः-
- यात्री अपना पंजीकरण आवश्य करवाएं।
- यात्रियों से अनुरोध किया जाता है कि चिकित्सा प्रमाण पत्र अपने साथ लेकर आए तथा बेस कैम्प हडसर में स्वास्थ्य जांच आवश्य करवाएं। पूर्णतय स्वस्थ होने पर ही यात्रा करें।
- अकेले यात्रा न करें केवल साथियों के साथ ही यात्रा करें।
- चढाई धीरे-धीरे चढे, सांस फूलने पर वहीं रूक जाएं।
- छाता, बरसाती, गर्म कपडे, गर्म जूते, टार्च एवं डंडा अपने साथ आवश्य लाएं।
- प्रशासन द्वारा निर्धारित रास्तों का प्रयोग करें।
- किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य सम्बन्धि समस्या हेतु निकटतम कैम्प में सम्पर्क करें।
- सफाई का विशेष ध्यान रखें।
- दुलर्भ जडी बूटियों एवं अन्य पौधों के संरक्षण में सहयोग करेें।
- इस यात्रा को पिकनिक अथवा मौज मस्ती के रूप में न लें व केवल भक्तिभाव एंव आस्था से ही तीर्थ यात्रा करें।
- किसी भी प्रकार का दान अथवा चढावा केवल ट्रस्ट के दान पात्रों में ही डालें।
- यात्री मास्क तथा सेनिटाइजर साथ लाएं।
- कोविड-19 नियमों का पालन करें।
- यात्री अपना पहचान पत्र/आधार कार्ड यात्रा के दौरान साथ रखें।
मणिमहेश यात्रा के दौरान क्या न करेंः-
- सुबह 04 बजे से पहले और शाम 05 बजे के बाद बेस कैम्प हडसर से यात्रा न करें।
- बिना पंजीकरण एंव चिकित्सकीये रूप से फिट न होने पर यात्रा न करें।
- अपने साथियों का साथ न छोडे जबरदस्ती चढाई न चढें व फिसलने वाले जूते न पहने यह घातक हो सकता है।
- खाली प्लास्टिक की बोतलें एवं रैपर इत्यादि खुले में न फेकें बल्कि अपने साथ वापिस लाकर कूडादान में डाले।
- जडी बूटियों एंव दुर्लभ पौधों से छेड छाड न करें।
- किसी भी प्रकार के नशीलें पदार्थो मांस मदिरा झ्त्यादि का सेवन न करें। यह एक धर्मिक यात्रा है इसकी पवित्रता का ध्यान रखें
- पवित्र मणीमहेश डल झील के आस-पास कच्चरा, गीले कपडे और स्नान उपरान्त अपने अधोवस्त्र इधर-उधर न फैकें तथा इन्हे नजदीक स्थापित कूडादान में डालें।
- छः सप्ताह से ज्यदा गर्भवती महिलाएं यात्रा न करें।
- यात्रा के दौरान चप्पलों के बजाय जूतों का प्रयोग करें, क्योंकि रास्ता दुर्गम होने की वजह से चोट इत्यादि लग सकती है।
- किसी भी प्रकार के छोटे रास्ते (Short Cut) का प्रयोग न करें।
- प्लास्टिक का प्रयोग न करें।
- यात्रा के दौरान कोई भी ऐसा कार्य न करें जिससे वातावरण दूषित हो तथा पर्यावरण को किसी प्रकार की कोई हानी न हो।
- यात्रा के दौरान मौसम खराब होने पर हडसर व डल झील के बीच धन्छो, सुन्दरासी, गौरीकुण्ड एवं डल झील पर सुरक्षित जगह पर रूकें। मौसम अनुकूल होने पर ही यात्रा आरम्भ करें।